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    कौन है शीशपाल, जो पत्नी की हत्या के बाद बरेली में बन गया वैद्य, कर रहा था लोगों का इलाज

    By Ravi MishraEdited By:
    Updated: Fri, 19 Aug 2022 03:23 PM (IST)

    Bareilly News यमुनानगर का रहने वाला शीशपाल बड़ा ही शातिर है।करीब 20 साल पहले पत्नी की हत्या करने के बाद पेरौल से फरार होकर बरेली आ गया।यहां वह दवा का काम सीखकर वैद्य बन गया।इसके बाद लोगों का इलाज करने लगा।

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    कौन है शीशपाल, जो पत्नी की हत्या के बाद बरेली में बन गया वैद्य, कर रहा था लोगों का इलाज

    बरेली, जागरण संवाददाता। Bareilly Crime News : यमुनानगर साधन के रहने वाले शीशपाल (Sheespal) ने 20 साल पहले अपनी पत्नी की हत्या कर दी थी। करीब 10 साल पहले वह पैरोल पर बाहर आया तो वहां से फरार हो गया और नाम बदलकर बरेली में रहने लगा। बरेली में ही उसने किसी के पास दवाई का काम सीखा और खुद वैद्य बन गया और लोगों का इलाज करने लगा।

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    रादौर थाने में शीशपाल पर पैरोल एक्ट और भगोड़ा के दो मामले दर्ज हैं, पुलिस ने उस पर 25 हज़ार रुपये का इनाम भी घोषित कर दिया गया था।स्पेशल टास्क फोर्स (STF) ने उसे बरेली के गैनी गांव से गिरफ्तार किया है।

    एसटीएफ की जांच अधिकारी रामकुमार ने बताया कि शीशपाल बरेली के गैनी गांव में नाम बदलकर रह रहा था। उसने अपना नाम शीशपाल की जगह महेंद्र रख लिया था और वहीं पर दूसरी शादी भी कर ली थी। अपना एक मकान भी बना लिया, दूसरी शादी के बाद उसके दो बच्चे भी हैं।

    उन्होंने बताया कि शीशपाल पैरोल से फरार होने के बाद करीब 1 वर्ष तक उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर में रहा उसके बाद वह बरेली में आकर रहने लगा। एसटीएफ को जब सूचना मिली तो उसे गिरफ्तार किया गया है। बताया जा रहा है कि जब एसटीएफ को सूचना मिली तो सबूतों को पुख्ता करने के लिए एसटीएफ की टीम ने कई बार उससे जाकर दवाई भी ली थी।

    वर्ष 2002 में कर दी थी पत्नी की हत्या

    पुलिस के मुताबिक, 26 नवंबर 2002 में नगला सादान निवासी शीशपाल ने अपनी पत्नी अनीता की हत्या कर दी थी। उसकी हत्या गांव गढ़ी सादान में की गई। जिस पर करनाल के थाना इंद्री में हत्या का केस दर्ज हुआ था। पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया। इस केस में उसे कोर्ट ने 20 साल की सजा सुनाई थी।

    10 मार्च 2012 को वह करनाल जेल से पैरोल पर बाहर आया था। इसके बाद वापस नहीं लौटा। जिस पर उसके खिलाफ रादौर थाना में छह मई 2012 को पैरोल एक्ट के तहत केस दर्ज कराया गया। पुलिस ने उसकी काफी तलाश की, लेकिन उसका कोई सुराग नहीं लगा। वर्ष 2015 में उसे कोर्ट ने भगौड़ा घोषित कर दिया।

    जिस पर उसके खिलाफ एक अन्य केस रादौर थाना में भगौड़े का दर्ज हुआ। पुलिस उसकी तलाश में लगी रही और उस पर 25 हजार रुपये का इनाम भी घोषित किया गया। अब उसे गिरफ्तार कर लिया गया है।