Bareilly News: एक संपत्ति पर भेजे जा रहे हाउस टैक्स के दो से तीन बिल, नगर निगम के चक्कर काट रहे करदाता
आय बढ़ने के लिए प्रयास कर रहे नगर निगम की अव्यवस्थाएं बाधा बन रही है। वहीं निगम का करदाता भी परेशान हो रहा है। कर जमा करने को तैयार भवन स्वामियों की ए ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, बरेली। आय बढ़ने के लिए प्रयास कर रहे नगर निगम की अव्यवस्थाएं बाधा बन रही है। वहीं, निगम का करदाता भी परेशान हो रहा है। कर जमा करने को तैयार भवन स्वामियों की एक संपत्ति पर तीन-तीन बिल भेजे जा रहे हैं। बिल में बकाया धनराशि कई गुणा बढ़ाकर दी जा रही है। इस कारण वह बिल जमा नहीं कर पा रहे। इतना ही नहीं बिल सही कराने के लिए उन्हें नगर निगम के चक्कर भी काटने पड़ रहे हैं।
गलत बिलों के सुधार में भी काफी समय लग रहा है। इस अव्यवस्था के चलते निगम के खाते में न तो मूल बकाया जमा हो पा रहा न ही अतिरिक्त टैक्स को भेजा गया नोटिस अमल में लाया जा रहा है। शहर में 1.45 लाख भवन में 20 हजार से अधिक भवन पर दो से तीन बिल भेजे जा रहे हैं। ऐसे ही भवन स्वामियों को भेजी जा रही बकाए से रूबरू कराती रिपोर्ट।
केस एक
जनकपुरी वार्ड निवासी श्याम लाल अरोरा ने वर्ष 2008 में भवन संख्या 243/35 को खरीदा। वर्ष 2014 में भवन को चार बेटों (सुनील, सोनू, कमल, प्रवीन) के नाम कर दिया। इस दौरान निगम में टैक्स को पूरा जमा कर दिया गया। पीड़ित के अनुसार नियमित टैक्स जमा करने के बाद भी वर्ष 2018 में निगम ने भवन संख्या 243 पर 76 लाख रुपये बकाया का नोटिस भेज दिया। जिसके बाद से वह नगर निगम अधिकारियों के चक्कर लगा रहे लेकिन समस्या अब तक नहीं सुलझी। बताया कि वर्ष 2023 में निगम ने फिर से 97 लाख बकाया का नोटिस भेजा है।
केस दो
माधोवाड़ी निवासी सरिता लंबे समय से भवन संख्या तीन पर टैक्स जमा कर रही हैं। बीते कुछ माह में नगर निगम ने सरिता के नाम पर ही भवन संख्या 3/8, 12 व दो पर 20, 38 व 67 हजार का टैक्स को नोटिस भेजा है। अब वह अपने भवन पर लगे तीन बिल को कटवाने के लिए अधिकारियों को शिकायत पत्र दे रही हैं।
केस तीन
माधोवाड़ी निवासी रोशन लाल का भवन संख्या 344/73 है। बीते दिनों नगर निगम ने उन्हें 344/73 के साथ 344/74 भवन संख्या लिखी हुई दो बिल भेजी। एक भवन का दो बिल देख अब रोशन लाल भी नगर निगम के चक्कर लगा रहे हैं।
20 हजार से अधिक भवन को भेज रहे दो से तीन बिल
एक भवन पर दो बिल भेजने की समस्या टैक्स विभाग के साथ वर्ष 2014 में की गई जीआइएस सर्वे को बताया जा रहा है। विशेषज्ञों के अनुसार सर्वे में भवन की संख्या अधिक दिखाने के लिए एक भवन पर दो अलग-अलग संख्या डालकर दिखा दिया गया। साथ ही जो पुराने भवन दाखिल खारिज या नामांतरण के समय पुराने नंबर को खत्म कराने के साथ नया नंबर भी जारी कर दिया गया। विशेषज्ञों के अनुसार शहरभर में 20 हजार से अधिक भवन पर दो या उससे अधिक बिल भेजे जा रहे हैं।
शहर में डबल डिमांड (एक भवन पर दो बिल) की आने वाली शिकायतों को तत्काल संबंधित क्षेत्र के राजस्व निरीक्षकों के जरिए निस्तारित कराया जा रहा है। साथ ही चारों जोन में 10 हजार से अधिक डबल डिमांड की सूची सामने आई है, सभी के निस्तारण के लिए जोन वार कार्रवाई कराई जा रही है।
पीके मिश्र, मुख्य कर निर्धारण अधिकारी

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