Electricity Department के राजस्व पर बरेली का निजी अस्पताल डाल रहा था 'डाका', सामने आया चाैंकाने वाला ये खेल
Bareilly Medhansh Hospital 80 Kilowatt Electricity Theft Case बरेली के मेधांश हाॅस्पिटल में 80 किलोवाट की बिजली चोरी के मामले में चाैंकाने वाला खेल सामने आया हैं।जिसमें बिजली विभाग के राजस्व पर निजी हास्पिटल द्वारा डाका डाला जाने की बात सामने आई हैैं।

बरेली, जागरण संवाददाता। Bareilly Medhansh Hospital 80 Kilowatt Electricity Theft Case: बरेली के मेधांश अस्पताल (Medhansh Hospital) में 80 किलोवाट के कनेक्शन पर बिजली विभाग ने भले ही चोरी में अभियोग पंजीकृत किया हो लेकिन वो विभाग के राजस्व पर सुनियोजित डाका था। बिजली विभाग (Electricity Department) की इस लूट में अवर अभियंता, एसएसओ और एक लाइनमैन ही नहीं, अन्य कई आउटसोर्सिंग कर्मचारी शामिल थे।
इस पूरे कांड की जब दैनिक जागरण संवाददाता ने पड़ताल की तो परत दर परत खुलती चली गईं। इसके बाद जो हैरान करने वाला सुनियोजित षडयंत्र सामने आया जो पूरे प्रकरण का राजफाश कर देगा।
सुभाषनगर में बदायूं रोड पर स्थित मेधांश अस्पताल का 80 किलोवाट का कनेक्शन था, जिसमें 11 केवी से सीधा कनेक्शन दिया गया था। ट्रांसफार्मर अस्पताल प्रबंधन की ओर से लगवाया गया था। कुछ दिनों पहले ट्रांसफार्मर खराब हो गया था। अस्पताल प्रबंधन लोड बढ़वाकर सौ किलोवाट कराना चाहता था, उसी के अनुरूप बड़ा ट्रांसफार्मर लगवाना था।लेकिन अस्पताल में मरीजों को देखते हुए जेनरेटर से काम चलाया जा रहा था।
लोड बढ़वाने का आवेदन उप केंद्र में दिया गया था। यहां से लूट की पटकथा की शुरुआत होती है। लोड बढ़वाने के नाम पर एसएसओ आकाश, लाइनमैन कालू सिंह उर्फ रवि अस्पताल प्रबंधन को लोड बढ़वाने, 250 केवीए के ट्रांसफार्मर लगवाने, क्षमता वृद्धि करवाने, दो खंभों पर ट्रांसफार्मर शिफ्ट कराने के नाम पर 1.75 लाख रुपये ना सिर्फ एस्टीमेट बताया गया, बल्कि उसको एक कागज पर लिखकर हस्ताक्षर सहित दिया गया, जिसे अस्पताल प्रबंधन में चस्पा भी कर दिया गया।
इसके बाद लाइन को दूसरे ट्रांसफार्मर से जोड़ दिया गया, जिसको मीटर से कनेक्ट नहीं किया गया। इससे 80 किलोवाट के कनेक्शन पर बिजली चोरी शुरू हो गई। इसके नाम पर 25 अगस्त को 10 हजार रुपये और 26 अगस्त को 50 हजार रुपये काम कराने के नाम पर एसएसओ आकाश ने ले लिये। इसकी रसीद शनिवार या फिर सोमवार को देने का आश्वासन भी दिया।
इधर, लाखों रुपये का बिल जमा करने की जगह केवल 1.75 लाख रुपये में बिजली आपूर्ति मिलने और अन्य कार्यों को कराना, अस्पताल प्रबंधन को भी फायदे का सौदा लगा। लेकिन एसडीओ को जब मामले की जानकारी मिली तो उन्होंने छापा मारने के बाद बिजली चोरी का अभियोग पंजीकृत कराकर खेल बिगाड़ दिया।
अब इस मामले में तीनों बिजली कर्मियों के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी। इस कांड के बाद से अब जिस क्षेत्र में बिजली चोरी की शिकायत मिलेगी, उस क्षेत्र के अवर अभियंता और लाइनमैन को बिना सूचना के ही छापामारी की जाएगी।
मेधांश अस्पताल के प्रबंधक आदि मुझसे मिले थे और रुपये लिए जाने के बारे में भी शिकायत की थी। लेकिन बिजली चोरी करने का कृत्य उनकी ओर से भी किया गया। इस वजह से अस्पताल प्रबंधन के विरुद्ध लगाया गया जुर्माना जमा कराया जाएगा। दोषी बिजली कर्मियों को भी नहीं बख्शा जाएगा। आरके शर्मा, मुख्य अभियंता, वितरण
मैंने लोड बढ़वाने के लिए आवेदन किया था। मुझसे एसएसओ आकाश और लाइनमैन दो बार में 60 हजार रुपये ले गए। मैंने रुपये बिजली चोरी के लिए नहीं दिए थे। इन लोगों ने मुझे फंसा दिया है। मेरे अस्पताल के पहले के बिल भी देखे जा सकते हैं। कुछ ही दिन पहले इन लोगों ने तार जोड़े थे। बिजली विभाग के अफसर जांच करेंगे तो सब साफ हो जाएगा। मंगलवार को आकाश ने 50 हजार रुपये लौटा दिए हैं। लेकिन 10 हजार रुपये अब तक नहीं मिले। मृंदा जौहरी, संचालक, मेधांश अस्पताल
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