यूपीआई की लिमिट खत्म होने पर आरोपियों ने भेज दिया QR Code, इस तरह पकड़े गए सभी
बरेली में परवेज के अपहरणकर्ताओं ने फिरौती के लिए उसके चचेरे भाई आजम से संपर्क किया। पहले 10 लाख, फिर 6 लाख में सौदा तय हुआ। UPI लिमिट खत्म होने पर आरोपियों ने QR कोड भेजा। परवेज के UPI से ही पैसे ट्रांसफर हो रहे थे। बाद में परवेज ने पुलिस को सूचना दी, जिसके बाद अपहरणकर्ता गिरफ्तार हुए।

जागरण संवाददाता, बरेली। परवेज के अपहरण की सूचना आरोपितों ने उन्हीं के फोन से स्वजन को दी थी। उनके चचेरे भाई आजम से अपहरणकर्ता लगातार संपर्क में थे। शुरूआत में 10 लाख रुपये की मांग हुई लेकिन बाद में बाद छह लाख में फाइनल हो गई थी। 83 हजार रुपये भेजने के बाद जब आजम के यूपीआइ की लिमिट खत्म हुई तो आरोपितों ने अपना क्यूआर कोड भेज दिया।
कहा कि किसी और से इस पर रुपये भिजवाएं।सिरौली पुलिस के मुताबिक, परवेज के पिता शरीफ अहमद और भाई फैजान सिरौली में रहते हैं। यहां पर वह न्यू लाइफ टेलर के नाम से दुकान संचालित करते हैं। परवेज का संयुक्त परिवार है, ताऊ नुरुल हक की मृत्यु हो चुकी है। वह सरकारी शिक्षक थे। उनके स्थान पर उनके बेटे आजम को नौकरी मिली है।
परवेज के चाचा रईस अहमद भी सरकारी शिक्षक हैं। पुलिस के मुताबिक, फिरौती का फोन आजम के पास ही परवेज के नंबर से आया था। पहली बार में तो सभी के पैरों तले से जमीन खिसक गई। एक बार को किसी की समझ में कुछ भी नहीं आया, लेकिन जैसे जैसे आरोपितों की डिमांड बड़ रही थी।
परिवार वालों का हाल बेहाल हो रहा था। पुलिस के मुताबिक, आरोपित परवेज के यूपीआइ में ही रुपये मंगवा रहे थे और वहां परवेज के फोन से अपने खातों में ट्रांसफर कर रहे थे। जब लिमिट खत्म हो गई तो परवेज ने मुरादाबाद पुलिस को फोन किया। इसके बाद आरोपितों की गिरफ्तारी की गई।

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