Bareilly IVRI News: नीम की गंदी पत्तियां चबाई तो खतरनाक बैक्टीरिया शरीर में बेअसर कर देंगे एंटीबायोटिक
Bareilly Neem Leaf News धोखे से भी नीम की गंदी पत्तियां नहीं चबाना। नहीं तो पछताना पड़ेगा।खतरनाक बैक्टीरिया शरीर के एंटीबायोटिक बेअसर कर देंगे। यह दावा आइवीआरआइ के विशेषज्ञों की टीम ने शोध करने के बाद किया हैं।

बरेली, जागरण संवाददाता। Bareilly Neem Leaf News : एक नीम सौ मर्ज की दवा... बात तभी तक सच है, जब तक नीम की साफ पत्तियां उपयोग की जा रहीं। यदि बिना सफाई पत्तियां चबाईं तो उन पर बैठे 269 प्रकार के बैक्टीरिया बीमार कर देंगे। इनमें ऐसे भी हैं, जोकि शरीर में पहुंच जाएं तो एंटीबायोटिक दवाओं (Antibiotic Medicines) को असरकारी नहीं बनने देते। डायरिया, दस्त, घावों का संक्रमण बढ़ा देते हैं। भारतीय पशु चिकित्सा एवं अनुसंधान संस्थान (IVRI), इज्जतनगर के वैज्ञानिकों के शोध में यह निष्कर्ष मिला है।
संस्थान के जानपदिक रोग विभाग के अध्यक्ष प्रधान वैज्ञानिक डा. भोजराज सिंह (Dr. Bhojraj Singh) और उनकी टीम ने वर्ष 2019 में संस्थान परिसर से 72, महानगर कालोनी से 18 और सनसिटी कालोनी से 20 नमूने लिए थे। इन 110 हरी मुलायम पत्तियों को प्रयोगशाला में जांचा गया।
डा. भोजराज बताते हैं कि 110 नमूनों में 357 प्रकार के बैक्टीरिया मिले, जिनमें 269 स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाने वाले और 88 ग्राम लाभकारी थे। आठ महीने स्थानीय स्तर पर काम करने के बाद नमूने लुधियाना स्थित प्रयोगशाला में भेजे। वहां वैज्ञानिक मुदित चंद्रा ने बैक्टीरिया पहचाने वाली विशेष मशीन मैल्टी टाफ से इसकी पुष्टि की।
ये बैक्टीरिया नुकसान पहुंचाने वाले
शोध के अनुसार, पत्तियों पर एसिनाटोबैक्टर बैक्टीरिया मिला, जोकि शरीर में संक्रमण को तेजी से फैलाता है। यदि कोई व्यक्ति पहले से बीमार है और गंदी पत्तियां खा ले तो संक्रमण का स्तर बढ़ता जाएगा। हाफनिया एलवीएआइ बैक्टीरिया से डायरिया हो जाता है। एस्केप ग्रुप के कई बैक्टीरिया भी मिले हैं, जिनसे पेचिस, निमोनिया, दस्त एवं घावों के संक्रमण आदि रोग होते हैं।
डा. भोजराज के अनुसार, 26 नमूनों में कार्बापेनम रेजिडेंट जीवाणु (एंटरोबैक्टर एग्लोमेरेन्स, ई. कोलाई, एरोमोनास, अल्कालिजेन्स, प्रोटीस) मिले। ये पत्तियां के सहारे शरीर में चले जाएं तो 70 प्रतिशत एंटीबायोटिक दवाएं असरकारक नहीं होतीं। 72 नमूनाें में ईएसबीएल उत्पादक बैक्टीरिया (ई. कोलाई, क्लेबसिएला न्यूमोनिया, एरोमोनास, एसिनेटोबैक्टर) थे,
जिन पर पेनिसिलिन और सेफैलोस्पोरिन ग्रुप की दवाएं बेअसर साबित होती हैं। इनमें कुछ बैक्टीरिया पौधों को सड़ाने वाले भी हैं। एंट्रो एंट्रोबैक्टर एग्लोमरांस बैक्टीरिया को विश्व स्वास्थ्य संगठन भी अतिघातक घोषित कर चुका है जोकि घाव के संपर्क में आने पर संक्रमण बढ़ा देता है।
इस तरह लाभकारी हैं नीम की पत्तियां
पत्तियों पर 88 प्रकार के लाभकारी बैक्टीरिया भी मिले। वैज्ञानिक बताते हैं कि पत्तियां को स्वच्छ कर खाया जाए तो रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में बेहद कारगर हैं। मधुमेह की बीमारी, पेट की बीमारी, नेत्र विकार, मसूड़ों की बीमारी में इसका सेवन लाभकारी है।
नीम की पत्तियां गुणों का खजाना हैं। इन्हें चबाने से पहले क्लोरीनयुक्त पानी में कुछ देर डालने के बाद प्रयोग करें। सादा पानी से नुकसानदेय बैक्टीरिया नहीं मरते। यदि गर्म पानी में उबाला तो अच्छे बैक्टीरिया भी मर जाएंगे। यह शोध एक्टा साइंटिफिक माइक्रोबायोलाजी में प्रकाशित होने के लिए भेज दिया गया है।
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