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    Bareilly Illegal Madrasa: 14 राज्यों में फैला गिरोह लेता था चंदा, अवैध मतांतरण के लिए मिलती थी फंडिंग

    Updated: Tue, 02 Sep 2025 02:03 PM (IST)

    बरेली पुलिस ने मतांतरण गिरोह का भंडाफोड़ किया था। जांच में पता चला कि अब्दुल मजीद द्वारा संचालित मदरसे का पंजीकरण नहीं है। यह मदरसा एक सोसाइटी के तौर पर पंजीकृत है जिसका नवीनीकरण नहीं हुआ है। गिरोह मदरसे के नाम पर चंदा लेता था और पुलिस को 21 बैंक खाते मिले हैं जिनमें लाखों के लेनदेन हुए। पुलिस मामले की गहराई से जांच कर रही है।

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    अवैध मदरसे के नाम पर मतांतरण गिरोह को हो रही थी फंडिंग

    जागरण संवाददाता, बरेली। मतांतरण गिरोह जिस मदरसे के नाम पर फंडिंग ले रहा था वह अवैध निकला। पुलिस की जांच में मदरसे का पंजीकरण नहीं पाया गया है। एसपी साउथ अंशिका वर्मा का कहना है कि मदरसा एक सोसाइटी के रूप में पंजीकृत है जिसका रिन्यूवल नहीं हुआ है।

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    इसकी और भी गहनता से जांच की जा रही है कि आखिर इसे मदरसे के नाम पर संचालित क्यों किया जा रहा था? ऐसे में आशंका जताई जा रही है कि मदरसे को सिर्फ फंडिंग के लिए इस्तेमाल किया जा रहा था।

    अब्दुल मजीद करता था मदरसे का संचालन

    पिछले दिनों बरेली पुलिस ने मतांतरण गिरोह का राजफाश किया था। उस गिरोह का सरगना अब्दुल मजीद इसी मदरसे को संचालित करता है। पुलिस ने जब गिरोह के सदस्यों की ट्रेवल हिस्ट्री खंगाली तो सामने आया कि, गिरोह का सिर्फ बरेली ही नहीं बल्कि 14 राज्यों व 29 जिलों में भी उसका नेटवर्क था। देश के अलग-अलग हिस्सों से वह मदरसे के नाम पर चंदा के रूप में फंडिंग लेता था।

    पुलिस की जांच में हुआ स्पष्ट, भुता स्थित मदरसे का नहीं है कोई पंजीकरण

    गिरोह के चारों सदस्यों के पास से पुलिस को कुल 21 बैंक खाते मिले, जिसमें से अब्दुल मजीद व उसकी पत्नी के नाम पर पांच बैंक खाते थे। जिसमें 13 लाख रुपये से अधिक के करीब दो हजार ट्रांजेक्शन पिछले कुछ ही महीनों में किए गए थे। इसके अलावा सलमान के पास से पुलिस ने 12 खाते बरामद किए जिसमें छह खाते सलमान और छह खाते उसकी पत्नी के नाम पर थे। इसी तरह से आरिफ व फहीम के नाम पर भी पुलिस ने दो-दो खाते बरामद किए थे।

    सोसाइटी के नाम पर चल रहा था मदरसा, उसका भी रिन्यूवल होना बाकी

    पूछताछ में यह भी स्पष्ट हुआ कि आरोपितों को जो फंडिंग की जा रही थी। वह मदरसे में चंदे के नाम पर हो रही थी। इसी क्रम में पुलिस ने जब मदरसे की जांच शुरू की तो सामने आया कि जिस मदरसे के नाम पर गिरोह के सदस्य चंदा ले रहे थे। वह कहीं पंजीकृत ही नहीं हैं बल्कि वह एक सोसाइटी के नाम पर पंजीकृत है। उसका भी रजिस्ट्रेशन समाप्त हो चुका है। ऐसे में अब अल्पसंख्यक अधिकारी से भी पुलिस बातचीत कर रही है।

    भोजीपुरा के परिवार की जांच जारी, जल्द खुलेगा राज

    भोजीपुरा में मुस्लिम महिला से निकाह करने वाले परिवार की भी पुलिस अभी जांच कर रही है। पुलिस की प्रारंभिक जांच में यह तो स्पष्ट हो गया कि हिंदू युवक का निकाह कराया गया था। युवक के मतांतरित होने की भी पुलिस आशंका जाहिर कर रही है। इसके लिए पुलिस की टीमें लगातार युवक व उसकी पत्नी के सभी दस्तावेज खंगाल रहे हैं। पुलिस का कहना हैं कि कुछ साक्ष्य ऐसे मिले हैं जिससे यह स्पष्ट हो गया है कि हिंदू युवक का निकाह कराया गया था। बाकी अन्य मामलों में जांच जारी है।

    गिरोह का सरगना अब्दुल मजीद जिस मदरसे के संचालन की बात कह रहा था। उस मदरसे के पंजीकरण के कोई कागज नहीं मिले हैं। जांच में सामने आया है कि वह मदरसा एक सोसाइटी के नाम पर पंजीकृत है। इस मामले में संबंधित अधिकारियों से बात की जा रही है। अंशिका वर्मा, एसपी साउथ।