फेक एंबुलेंस ट्रिप पर शासन की नजर, पीसीआर ने खाेला राज, बरेली में सामने आई एंबुलेंस चालकों की चालाकी
Bareilly Fake Ambulance Trip Case एंबुलेंस प्रकरण फर्जीवाड़े में शासन की नजर है। पीसीआर ने एंबुलेंस चालक फर्जी केस बनाने का राज खाेल दिया है। जिसके ब ...और पढ़ें

बरेली, जेएनएन। Bareilly Fake Ambulance Trip Case : एंबुलेंस प्रकरण में फर्जीवाड़े का एक और पहलू सामने आया है। एंबुलेंस चालक फर्जी केस बनाने के लिए एक बार में कई मरीजों को एक साथ लेकर जाते हैं, लेकिन प्री हास्पिटल केयर रिकार्ड (पीसीआर) में उन केसों की आइडी अलग-अलग बना देते हैं। इससे वह अतिरिक्त ट्रिप दर्शाकर फर्जीवाड़ा करते हैं।
नियमानुसार एंबुलेंस में एक बार में केवल एक ही मरीज को लाया जा सकता है लेकिन एंबुलेंस चालक एक ही गांव से एक से अधिक मरीजों को एक साथ लेकर आते है और सभी की आइडी अलग-अलग जनरेट कर देते है। इसके बाद उन्हें फर्जी तरीके से दर्शाकर एक नया केस तैयार कर देते है। बीते फरवरी में भी नवाबगंज में भी ऐसा ही कुछ हुआ। नवाबगंज के चमरिया चमुआ गांव के कृष्णपाल के मोबाइल नंबर से सुबह करीब 11 बजे एक एंबुलेंस बुक हुई।
उन्हें अपनी पत्नी को अस्पताल ले जाना था। प्यारे लाल ने बताया कि उनके साथ गांव के कृष्णपाल की पत्नी भी गई थी। दोनों को एक ही एंबुलेंस में ले जाया गया। मगर चालक ने दोनों के केस को एक ही नंबर से दो अलग-अलग केस बनाकर पीसीआर पर चढ़ा दिया। मगर समय दोनों का परिवर्तित कर दिया। पीसीआर के मुताबिक दोनों केस अलग-अलग समय पर गए। जबकि लाभार्थी का कहना है कि दोनों की पत्नियां एक ही साथ ही एंबुलेंस में गई थी। ऐसे में यह फर्जीवाड़ा स्पष्ट तरीके से दिखाई दे रहा है।
मैं जांच करने के बाद बताता हूं
जब इस मामले में कंपनी के प्रोग्राम मैनेजर इंजीनियर सुमित कुमार से बात की गई तो उन्होंने कहा कि ऐसा संभव नहीं है। पहले तो एक बार में दो केस एक साथ ले जाए नहीं जा सकते। यदि मानवता के नाते ले भी गए तो दोनों की अलग-अलग आइडी जनरेट नहीं हो सकती। उन्होंने इस मामले में जांच के बाद कुछ कहने की बात कही है।

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