बरेली में प्रेमी युगल की हत्या में लड़की के पिता-चाचा को उम्रकैद, मां को 7 साल की जेल, ऐसे दी थी दर्दनाक मौत
नाबालिग प्रेमी युगल की हत्या के 10 वर्ष पुराने मामले में लड़की के पिता वीरपाल और चाचा राजेंद्र को उम्रकैद की सजा सुनाई गई, जबकि साक्ष्य छिपाने ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, बरेली। नाबालिग प्रेमी युगल की हत्या में लड़की के पिता वीरपाल व चाचा राजेंद्र को उम्रकैद की सजा सुनाई गई। साक्ष्य छिपाने में उसकी माता कमला देवी को सात वर्ष कारावास दिया गया है। शुक्रवार को अपर सत्र न्यायाधीश (तृतीय) अभय श्रीवास्तव ने 10 वर्ष पुराने इस प्रकरण में निर्णय सुनाया। उन्होंने वीरपाल व राजेंद्र पर एक लाख रुपये जुर्माना भी डाला।
16 वर्षीय दीपक व जावित्री के बीच प्रेम संबंध थे। पुलिस के अनुसार, 24 मार्च 2015 की रात को दीपक परिचित सोनू के घर दावत में गए थे। वह वापस नहीं लौटे तो परिवार के सदस्य तलाशने निकले, मगर पता नहीं चला। अप्रैल के पहले सप्ताह में दीपक व जावित्री के शव जंगल में मिले। दीपक के स्वजन ने जावित्री के पिता वीरपाल, चाचा राजेंद्र कुमार व अन्य पर अपहरण कर हत्या का मुकदमा दर्ज कराया था।
जंगल में फेंके थे दोनों के शव
बाद में वीरपाल को गिरफ्तार किया गया तो उसने स्वीकारा कि राजेंद्र कुमार की मदद से पहले वीरपाल को पीटकर मार डाला, इसके बाद बेटी जावित्री की गला घोटकर हत्या कर दी। दोनों के शव जंगल में फेंक दिए थे। इसके एक सप्ताह बाद पुलिस को गुमराह करने के लिए थाने जाकर शिकायत की कि दीपक उनकी बेटी को बहला फुसलाकर कहीं ले गया है।
विवेचना में पता चला कि दीपक का परिचित सोनू जावित्री के मकान में किराये पर रहता था। 24 मार्च 2015 को दीपक उसके यहां दावत खाने गए था। उसी दौरान वीरपाल, राजेंद्र ने दीपक का अपहरण कर प्रताड़ित किया। इसके बाद दोहरा हत्याकांड किया तब जावित्री की माता कमला देवी भी मौजूद थी। उसने दोनों शव ठिकाने लगाने में मदद की थी।

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