शरीर पर टैटू बनवाने का शौक भी बना सकता है हेपेटाइटिस सी का मरीज, पढ़िए कैसे
World Hepatitis Day 2022 शरीर पर टैटू बनवाने का शौक भी हेपेटाइटिस सी का मरीज बना सकता है।लेकिन घबराने की जरूरत नहीं हैं।अगर थोड़ी सी सावधानी बरती जाए तो इस बीमारी की चपेट में आने से काफी हद तक बचा जा सकता है।

बरेली, रजनेश सक्सेना। World Hepatitis Day 2022 : युवाओं का शौक उन्हें कब बीमारी की ओर ले जाए इस बात का उन्हें अंदाजा तक नहीं। फैशन में टैटू बनवाना उन्हें हेपेटाइटिस सी (Hepatitis C) से ग्रसित कर सकता है। इतना ही नहीं, गली नुक्कड़ में बैठे दांत साफ करने वाले, गांव-गांव जाकर बच्चियों के नाक-कान छेदने वालों से नाक-कान छिदवाने से भी हेपेटाइटिस सी हो सकता है।
हालांकि कुछ अच्छे टैटू (Hobby of Tattooing) बनाने वाले इस चीज का ध्यान रखते है और निडिल बदलकर या उसे सैनेटाइज करके ही टैटू बनाते है। जिला अस्पताल में हेपेटाइटिस के नोडल डा. राजीव रंजन ने बताया कि जिले में करीब 600 मरीज इस समय हेपेटाइटिस सी बीमारी से ग्रसित है।
हेपेटाइटिस बी और हेपेटाइटिस सी की बीमारी ब्लड में संक्रमण (Blood Infection) के कारण होती है। यह बेहद खतरनाक बीमारियां हैं।क्योंकि इस बीमारी के प्रभाव का पता 15 से 20 सालों बाद पता चलता है। तब तक बीमारी खतरनाक रूप ले चुकी होती है। इसका सही समय पर इलाज नहीं हुआ तो यह लिवर सिरोसिस या लिवर कैंसर का भी कारण बनता है।
उन्होंने बताया कि हेपेटाइटिस बी और सी बिल्कुल एड्स के वायरस (Aids Virus) की तरह फैलता है। हेपेटाइटिस संक्रमित ब्लड चढ़ाने, असुरक्षित तरीके से इंजेक्शन लगाने, संक्रमित निडिल का इस्तेमाल करने व सर्जरी के दौरान संक्रमित उपकरण के इस्तेमाल से होता है।
उन्होंने बताया कि इन दिनों युवाओं में टैटू बनवाने का खासा क्रेज चल रहा है। मगर टैटू बनाने वाले कई लोग एक ही निडिल से कई लोगों के टैटू बना देते है। क्योंकि टैटू बनवाने के दौरान हल्की ब्लीडिंग भी होती है और वह निडिल पर लगती है।
यदि किसी हेपेटाइटिस सी संक्रमित व्यक्ति ने टैटू बनवाया और उसी निडिल से उसने दूसरे व्यक्ति का टैटू बना दिया तो ब्लड कांटेक्ट होने की वजह से दूसरे व्यक्ति को भी संक्रमण हो सकता है। इसी तरह से नाक-कान छेदने वालों के साथ भी होता है।
ऐसे कर सकते है बचाव
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पहले उपयोग हो चुकी सुई का इस्तेमाल न करें।
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टैटू बनवाने के पहले निडिल अपने सामने बदलवा लें।
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नहीं तो निडिल को पूरी तरह से सैनेटाइज करवा लें।
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गली मोहल्लों में चल रही दुकानों से टैटू बनवाने से बचें।
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नाक कान छिदवानें में भी ऐसी ही सावधानी बरतें।
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झोलाछाप से इंजेक्शन या ड्रिप लगवाने से भी बचें।
डा. राजीव रंजन का कहना है कि हेपेटाइटिस सी से बचने के लिए ये चीजें बहुत जरूरी है।चूकि यह ब्लड कांटेक्ट से फैलता है। इसलिए इन चीजों का ख्याल रखने से काफी हद तक बचा जा सकता है।

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