Urs e Razavi Bareilly 2025 : उर्स ए रजवी पर शहर में हुआ 25 करोड़ का कारोबार, इन चीजों पर खर्च किए सबसे ज्यादा पैसे
बरेली में उर्स ए रजवी ने शहर की अर्थव्यवस्था को मजबूती दी। लाखों जायरीनों के आने से 25 करोड़ से ज़्यादा का कारोबार हुआ। होटल उद्योग खान-पान और परिवहन क्षेत्रों को सबसे ज़्यादा फायदा हुआ। जायरीनों ने खाने-पीने मिठाई चादर और अन्य सामानों पर दिल खोलकर खर्च किया। रेलवे और यातायात सेक्टर को भी अच्छा मुनाफा हुआ जिससे शहर की आर्थिक स्थिति में सुधार हुआ।

जागरण संवाददाता, बरेली । आला हजरत का तीन दिवसीय उर्स ए रजवी शहर की आर्थिकी को भी मजबूत कर गया। उर्स में लाखों जायरीन की आमद से 25 करोड़ से अधिक का कारोबार होने का अनुमान लगाया गया है। सबसे अधिक लाभ होटल इंडस्ट्री को हुआ है। खान-पान, आवागमन समेत अन्य मदों में जायरीन ने काफी खर्च किया है। उर्स के चार दिन तक लोगों की संख्या काफी रही, जिससे अन्य लोगों को रोजगार भी मिला। इससे शहर के लोगों की कमाई भी बढ़ गई।
सबसे ज्यादा खर्च खाने-पीने पर
उर्स में आने वाले जायरीन ने सबसे ज्यादा खर्च खाने-पीने पर किया। चाय, पानी, खाना-पीना और नाश्ते पर करीब सात करोड़ रुपये खर्च किए गए। इसके अलावा साढ़े तीन करोड़ रुपये की मिठाई तबर्रुक के रूप में बिक्री हो गई। इसके अलावा 75 लाख रुपये की चादर, फूल, अगरबत्ती आदि की बिक्री हो गई।
वहीं, 50 लाख रुपये का सुर्मा और 50 लाख रुपये की टोपियां भी बिक्री हो गईं। वहीं, एक करोड़ रुपये से अधिक कीमत की तो किताबें बिक गईं। वहीं, पांच करोड़ रुपये का फुटकर सामान खरीदा गया। वहीं, जिले की होटल इंडस्ट्री को भी तीन करोड़ रुपये से अधिक की आय हुई, क्योंकि जिले में होटल 350 होटल व गेस्ट हाउस हैं। इसमें किसी में 10 तो कहीं 12 कमरे हैं, जबकि नामी होटलों में कमरों की संख्या 50 से भी ऊपर है। औसतन 5,250 कमरे इन होटलों में थे, जो पूरे समय लोगों से भरे रहे।
उर्स में ट्रेनों से सबसे ज्यादा यात्रियों का आवागमन
उर्स में ट्रेनों से सबसे ज्यादा यात्रियों का आवागमन हुआ। बरेली जंक्शन पर सामान्य दिनों में जहां 12 से 13 लाख रुपये के टिकट की बिक्री होती है, वहीं इन तीन दिनों में 18 से 20 लाख रुपये तक के टिकटों की बिक्री हुई। बरेली सिटी से दो उर्स स्पेशल ट्रेनों का संचालन कराया गया, जहां से रेलवे को 15 से 16 लाख रुपये अतिरिक्त आय हुई।
रोडवेज बसों की आय में कमी आई। पुराना बस अड्डा बंद रहने की वजह से प्रतिदिन की आय जो 35-36 लाख रुपये प्रतिदिन रहती थी वह 25 से 26 लाख रुपये प्रतिदिन की रही। निजी वाहनों से भी भारी संख्या में लोग पहुंचे थे। एक अनुमान के मुताबिक तीन दिनों में पेट्रोल की बिक्री खूब हुई। यातायात सेक्टर को दो करोड़ से अधिक का फायदा हुआ।
जिले में करीब 350 होटल व गेस्ट हाउस संचालित हो रहे हैं, जिनमें पांच हजार से ज्यादा कमरे हैं, जिनका औसत किराया ढाई से तीन हजार रुपये के बीच रहता है। सारे होटल चार दिनों से जायरीन व अन्य आगंतुकों से भरे रहे।- डा. अनुराग सक्सेना, अध्यक्ष होटेलियर वेलफेयर एसोसिएशन
होटल उद्योग में तीन दिन के उर्स में रोजाना करीब 75 लाख रुपये की आय होने की उम्मीद है, जिसमें तीन से चार दिन तक सारे होटल भरे रहते हैं। इसमें तीन करोड़ रुपये की कमाई अकेले होटल इंडस्ट्री को हुई।- शुजा खान, सचिव, होटेलियर वेलफेयर एसोसिएशन
उर्स ए रजवी में कई लाख लोग शहर में आए। इसमें जायरीन की मेहमाननवाजी के लिए शहर के लोगों ने दिल खोलकर खर्च किया। इसके बावजूद जायरीन से शहर में करीब 25 करोड़ रुपये खर्च किए। इसमें होटल और खानपान पर सबसे ज्यादा खर्च हुआ।- राजेंद्र गुप्ता, प्रांतीय महामंत्री, उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार मंडल

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