हाथ जोड़कर गिड़गिड़ाने लगा दुष्कर्मी ... 'पहला जुर्म, रहम कर दो' बरेली की अदालत ने सुनाई 10 साल की सजा
बरेली की अदालत में दुष्कर्म के एक मामले में दोषी पाए गए अरविंद को 10 साल की सजा सुनाई गई। दोषी ने अपने अपराध पर पछतावा जताते हुए रहम की गुहार लगाई परिवार की दुहाई दी। उस पर 16 साल की लड़की को बंधक बनाकर दुष्कर्म करने का आरोप था। अदालत ने इसे गंभीर अपराध मानते हुए सजा सुनाई और जुर्माना भी लगाया।
जागरण संवाददाता, बरेली। अदालत ने आरोपित अरविंद को उसके गुनाह की सजा सुनाना शुरू की तो वह हाथ जोड़कर गिड़गिड़ाने लगा। बोला, 'यह उसका पहला जुर्म है उस पर रहम कर दिया जाए' आइंदा ऐसी हरकत कभी नहीं करेगा।
घर में उसकी बूढ़ी मां और पत्नी के अलावा उसके तीन छोटे-छोटे बच्चे हैं। उसे सजा हुई तो परिवार को रोजी-रोटी के लाले पड़ जाएंगे। उनकी देख देख करने वाला कोई नहीं है। रोजाना दिहाड़ी मजदूरी करके परिवार का पेट पलता है। कोई और कमाने वाला भी नहीं है। सजा के बाद परिवार का खर्च कैसे चलेगा। अगली बार कोई गलती हो तो जो चाहें सजा देना।
कटघरे में खड़ा तो आरोपित को अपने अपराध पर हुआ पछतावा
अरविंद कटघरे में खड़ा अपने अपराध पर पछता रहा था। उसने 16 साल की लड़की के साथ बहशियाना हरकत की। बंधक बनाकर कई बार दुष्कर्म किया। कोर्ट ने दोषी को 10 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है।
बोला इस बार रहम कर दो, भविष्य में गलती पर हर सजा मंजूर
वारदात थाना सिरौली के एक गांव की है। 16 जून, 2023 की रात किशोरी रात करीब 10 बजे के आस-पास शौंच को गई। उसी बीच शिवनगर चंदूपुरा गांव निवासी दोषी अरविंद ने उसका पीछा किया और उसे जबरन रास्ते में से बंधक बनाकर गांव से करीब तीन किलोमीटर दूर एक ट्यूबवेल पर ले गया और पूरी रात बंधक बनाकर कई बार दुष्कर्म किया।
पीड़ित ने कोर्ट में बयान दिया कि दोषी ने उसके साथ दरिंदगी की और सुबह के समय उसे ट्यूबवेल पर छोड़कर भाग गया। पीड़ित का परिवार किशोरी को पूरी रात तलाशता रहा। सुबह के समय पीड़ित घर पहुंची।
10 साल के कठोर कारावास की सजा
अभियोजन पक्ष से नौ गवाह पेश हुए। शुक्रवार को उसे सजा मिलने का दिन था। विशेष लोक अभियोजक प्रवीन सक्सेना ने अदालत से गुहार लगाई कि समाज में दुष्कर्म जैसी घटनाएं महिलाओं में असुरक्षा की भावना पैदा करती हैं। दोषी को कठोर दंड नहीं मिला तो समाज में इसका नकारात्मक संदेश जा सकता है। जिससे ऐसे जघन्य अपराधों की बाढ़ आ जाएगी। स्पेशल जज पॉक्सो एक्ट कुमार मयंक ने दोषी को 10 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही दोषी पर 24000 जुर्माना भी लगाया है जो पीड़ित को दिया जाएगा।
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