Updated: Sun, 07 Sep 2025 03:14 PM (IST)
बरेली के जिला अस्पताल में एक डॉक्टर के दस्तावेजों पर आंवला में तीन साल से चल रहे नर्सिंग होम की जांच शुरू हो गई है। डॉक्टर ने आरोप लगाया है कि उनकी जानकारी के बिना उनके दस्तावेजों का इस्तेमाल किया गया। सीएमओ ने डॉक्टर और नर्सिंग होम संचालक से जवाब मांगा है और मामले की जांच के आदेश दिए हैं। जाँच टीम दस्तावेजों की गहनता से जाँच करेगी।
जागरण संवाददाता, बरेली । जिला अस्पताल में चिकित्सा अधिकारी के दस्तावेजों (आइडी) पर आंवला में तीन वर्षों से संचालित हो रहे नर्सिंग होम मामले में जांच शुरू हो गई है। दैनिक जागरण ने पांच अगस्त को प्रकाशित खबर में इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाया, जिसके बाद मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने चिकित्सक व नर्सिंग होम संचालक को नोटिस जारी करते हुए जवाब मांगा है।
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डॉक्टर ने क्या आरोप लगाए?
जिला अस्पताल के डा. दीपक कुमार शर्मा ने आरोप लगाया था कि उनकी जानकारी के बिना, उनके फर्जी दस्तावेज बनाकर आंवला के निजी अस्पताल महक नर्सिंग होम ने स्वास्थ्य विभाग में अपना पंजीकरण कराया, जबकि उस दौरान वह दिल्ली के अस्पताल में सेवाएं दे रहे थे।
नर्सिंग होम ने वर्ष 2022-23, 2023-24 और 2024-25 में पंजीकरण का नवीनीकरण कराकर अस्पताल संचालन किया जाता रहा। इन बिंदुओं पर होगी जांच सीएमओ से भेजे गए पत्र में चिकित्सक के दस्तावेज नर्सिंग होम तक कैसे पहुंचे? उन्हें कैसे जानकारी मिली? इतने लंबे समय तक जानकारी क्यों नहीं लग सकी? जैसे बिंदुओं पर सवाल पूछे गए हैं।
वहीं, नर्सिंग होम संचालक से चिकित्सक से उनके पास चिकित्सक के दस्तावेज कैसे पहुंचे? किसने दिए? दिल्ली में रहते हुए चिकित्सक के दस्तावेज उनके पास कैसे आए? पंजीकरण कराते समय चिकित्सक के स्थान पर अपना फोन नंबर क्यों डाला? आदि सवाल पूछे गए हैं।
वर्तमान में जिला अस्पताल में कार्यरत चिकित्सक के नाम पर तीन वर्षों तक नर्सिंग होम का पंजीकरण किए जाने के प्रकरण में चिकित्सक और नर्सिंग होम संचालक को नोटिस जारी किया है। दोनों पक्षों के बयान दर्ज करने के साथ दस्तावेजों की गहनता से नोडल अधिकारी की टीम जांच करेगी। - डा. विश्राम सिंह, मुख्य चिकित्सा अधिकारी
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