Updated: Thu, 11 Sep 2025 07:00 AM (IST)
बरेली में मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत अब विवाह से पहले दूल्हा-दुल्हन का बायोमीट्रिक सत्यापन होगा। आधार कार्ड के जरिए फिंगरप्रिंट और चेहरे का स्कैन किया जाएगा ताकि धोखाधड़ी रोकी जा सके। समाज कल्याण विभाग इस नई व्यवस्था की तैयारी कर रहा है। योजना में प्रति जोड़े की लागत 51 हजार से बढ़कर 1 लाख हो गई है जिसमें 60 हजार कन्या के खाते में जाएंगे।
मनीष पांडेय, बरेली। मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह में अब फेरे लेने या निकाह पढ़ने से पहले दूल्हा और दुल्हन की न सिर्फ हाजिरी लगेगी, बल्कि उनकी पूरी बायोमीट्रिक कराई जाएगी। इसमें दूल्हा और दुल्हन के आधार कार्ड से उनके फिंगर प्रिंट, आंख चेहरा आदि स्कैन कराया जाएगा। इसके बाद ही विवाह संपन्न कराया जा सकेगा। यह व्यवस्था सामूहिक विवाह में फर्जीवाड़ा रोकने के लिए बनाई गई है।
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समाज कल्याण विभाग के अधिकारी इस नई व्यवस्था के अनुसार तैयारियां करने में जुट गए हैं। समाज कल्याण विभाग की ओर से गरीब कन्याओं की शादी के लिए प्रति वर्ष सामूहिक विवाह का आयोजन होता है। बीते वर्ष जिले में करीब 2,400 जोड़ों की शादी कराई गई। इसके साथ करीब एक हजार लोगों के आवेदन अभी तक लंबित हैं। अविवाहित होने की स्थिति में इस बार उन्हें मौका दिया जा सकता है। वहीं शीघ्र ही नए आवेदन भी मांगे जाएंगे। इसके लिए बुधवार को प्रस्तावित क्रय समिति की बैठक अब बृहस्पतिवार को होगी।
जिला समाज कल्याण अधिकारी सुधांशु शेखर पांडेय ने बताया कि इस बार सामूहिक विवाह में बायोमीट्रिक तरीके से वर व वधू की उपस्थिति सुनिश्चित की जाएगी। सामूहिक विवाह के आयोजन के लिए जरूरी तैयारियां की जा रही हैं। उन्होंने बताया कि जिले में दो नवंबर से सामूहिक विवाह शुरू हो जाएंगे।
51 हजार से बढ़ाकर एक लाख हुई राशि
सामूहिक विवाह योजना में अभी तक 51 हजार रुपये का खर्च प्रत्येक जोड़े के लिए किया जाता था, अब यह धनराशि बढ़ाकर एक लाख रुपये कर दी गई है। अब 60 हजार रुपये कन्या के बैंक खाते में दिए जाएंगे, 25 हजार रुपये के उपहार व 15 हजार रुपये आयोजन पर खर्च होंगे।
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