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    Bareilly Chaubari Mela: नखासा में पंजाब और राजस्थान से पहुंचे कई नस्ल के घोड़े, एक लाख रुपये तक है कीमत 

    Updated: Fri, 31 Oct 2025 09:35 PM (IST)

    बरेली के रामगंगा तट पर चौबारी मेले का अनौपचारिक आरम्भ हो गया है। मेले में झूले, दुकानें सज गई हैं। नखासा में पंजाब और राजस्थान से कई नस्ल के घोड़े आ चुके हैं, जिनमें सब्जा और मारवाड़ी घोड़े आकर्षण का केंद्र हैं। छोटे घोड़ों की कीमत 15 हजार तक और बड़े घोड़ों की कीमत एक लाख तक है। जिलाधिकारी और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक रविवार को मेले का उद्घाटन करेंगे।

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    जागरण संवाददाता, बरेली। रामगंगा तट पर चौबारी मेला की शनिवार से औपचारिक शुरूआत हो जाएगी, लेकिन विधिवत उद्घाटन रविवार को होगा। बड़े झूले और चरखे लग चुके हैं, पकौड़ी और समोसा के साथ चाय की दुकानें खुल चुकी हैं। मेला कोतवाली का निर्माण चल रहा है। नखासा में पंजाब और राजस्थान के घोड़े आ चुके हैं। शनिवार को देवोत्थान एकादशी मनाकर श्रद्धालु मेले में पहुंचने लगेंगे और रौनक बढ़ती जाएगी।

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    बरेली-बदायूं हाईवे से मेला का मुख्य मार्ग सीएनजी गैस गोदाम तक पक्की सड़क बन चुकी है। उसके आगे कच्ची सड़क तैयार कराई गई है। मुख्य मार्ग के पश्चिम साइड में चाय-पकौड़ी की दुकानें खुल गई हैं। इसी तरफ बड़े-बड़े चार झूले तैयार हो गए हैं। शनिवार से जुटने वाली भीड़ को देखते हुए झूलों का दोपहर बाद से चालू कराने की तैयारी की जा रही है।

    यहीं पर मेला कोतवाली और खोया-पाया कैंप तैयार किया जा रहा है। उसके पीछे अधिकारियों के अस्थायी आवास भी बनाए जा रहे हैं। मुख्य सड़क के पूरब साइड में मीना बाजार, बक्सा बाजार, ढोलक बाजार, सिलवट्टा बाजार की दुकानें लग रहीं हैं। स्वजन के साथ पहुंचे दुकानदारों ने खाना बनाने के लिए ईंट का चूल्हा तैयार कर लिया है। स्नान घाट को भी अंतिम रूप दिया जा रहा है।

    मेले का मुख्य आकर्षण घोड़ों का बाजार है। रिछा के जमील खां राजस्थान से देशी प्रजाति के घोड़े लेकर पहुंच गए हैं। वहीं बदायूं के चंदोई निवासी अली वारिस राजस्था से सब्जा घोड़ा लेकर आए हैं। जबकि पीलीभीत के नदीम और राजू पंजाब से मारवाड़ी प्रजाति के घोड़े लेकर पहुंचे हैं। अब तक पहुंचे घोड़ों में हर किसी की नजर सब्जा घोड़ा और मारवाड़ी घोड़ों पर जाकर टिक रही है।

    छोटे घोड़ों की कीमत आठ से 15 हजार तक है, जबकि बड़े घोड़ों की कीमत 50 हजार से लेकर एक लाख रुपये तक आंकी जा रही है। बताया जा रहा है कि अभी घोड़ों को लाने का सिलसिला शुरू हुआ है, दो दिन में विभिन्न प्रदेशों के घोड़े आ जाएंगे। नखासा स्थल पर जगह-जगह प्लाटिंग हो चुका है। इसको देखकर प्रतीत हो रहा है कि घोड़ों के लिए स्थान कम पड़ जाएगा।



    घोड़ों के शृंगार का सजा बाजार

     

    घोड़ों के बाजार में उनके शृंगार की तरह-तरह की वस्तुएं बिकने लगी हैं। एटा के रवि कुमार बताते हैं कि घोड़ों की पीठ पर रखा जाने वाला गद्दा 400-700 रुपये, चमड़े का शेडल छह हजार रुपये, चारजामा 400-800 रुपये में बिक रही है। इसके अलावा सीना वन, लगाम, मोएरा, काठी समेत तरह-तरह की शृंगार की वस्तुएं उपलब्ध हैं। दुकानदारों का कहना है कि घोड़ों के शौकीन लोग यहां घोड़े खरीदने के साथ उनके शृंगार की वस्तुएं भी खरीदते हैं। यहां से सजाकर उन्हें अपने साथ ले जाते हैं।



    शन‍िवार को अनौपचारिक शुरुआत, मेला का उद्घाटन रव‍िवार को


    मेला एक नवंबर से 10 नवंबर तक चलेगा। निर्धारित तिथि के अनुसार शनिवार को अनौपचारिक रूप से मेला शुरू हो जाएगा, लेकिन विधिवत उद्घाटन रविवार दो नवंबर को होगा। मेला प्रबंधक छोटे सिंह ने बताया कि जिलाधिकारी और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक उद्घाटन करेंगे। सांसद, विधायक समेत अन्य जन प्रतिनिधि भी इसमें शामिल होंगे। मेला प्रबंधक समिति की ओर से इसकी तैयारी आरंभ कर दी गई है।