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    अनूठी शादी का गवाह बना बरेली, ईसाई दूल्हा, मुस्लिम दुल्हन, सनातन धर्म अपनाकर की शादी

    By Ravi MishraEdited By:
    Updated: Thu, 31 Mar 2022 08:55 AM (IST)

    Unique Marriage बरेली के अगस्त्य मुनि का आश्रम में ईसाई मुस्लिम शादी का गवाह बन गया।इस शादी में जहां ईसाई धर्म के सुमित ने मुस्लिम नूर बी की मांग भरक ...और पढ़ें

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    Unique Marriage : अनूठी शादी का गवाह बना बरेली, क्रिश्चियन दूल्हा, मुस्लिम दुल्हन, हिंदू बने बाराती

    बरेली, अनुज मिश्रा। Unique Marriage : यूपी के बरेली में स्थित अगस्त्य मुनि का आश्रम अनूठी शादी का गवाह बना।जहां क्रिश्चियन दूल्हे ने मुस्लिम दुल्हन की मांग भरकर फेरे लिए। जिसके बाद हिंदू घरातियों ने क्रिश्चियन दूल्हे के साथ मुस्लिम दुल्हन को विदा कर दिया। इस अनूठी शादी में कन्यादान मंदिर के महंत ने किया तो गोद भराई की रस्म हिंदू युवा वाहिनी के कार्यकर्ताओं ने पूरी की। जिसके बाद दोनों हिंदू धर्म के अनुसार, अपनी जीवन में आगे बढ़ेंगे।

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    दरअसल सुमित ईसाई थे और नूर बी मुस्लिम थी। दोनों ही सनातनी संस्कारों से प्रभावित थे और उसकी ओर आकर्षित भी थे।ऐसे में जब सुमित और नूर बी के बीच प्रेम हुआ तो दोनों ने ही सनातन धर्म ग्रहण करने का फैसला लिया।जिसके बाद दाेनों ने सनातन धर्म के अनुसार ब्याह रचाया।सुमित ने सारी रस्में अदा की।सारी रस्में होने के बाद नूर बी खुद को निशा बताते हुए अपने पति संग ससुराल चली गई।

    तीन साल से चल रहा था दोनों के बीच प्रेम प्रसंग

    तीन साल पहले पीलीभीत के ललौरी खेड़ा में रहने वाली नूर बी और पूरनपुर में रहने वाले सुमित की मुलाकात हुई।दोनों ही इंटर मीडिएट के छात्र थे।दोनों की मुलाकात को प्यार में बदलते भी देर नहीं लगी।जिसके बाद दोनों के सामने परिजन और धर्म की दीवार आ गई, क्योंकि सुमित ईसाई धर्म से ताल्लुक रखते थे और नूर बी मुस्लिम धर्म से।सुमित ने नूर को बताया कि उसे सनातन धर्म के संस्कार पसंद आते है।उसने नूर के सामने सनातन धर्म से शादी करने का प्रस्ताव रखा।जिस पर नूर बी भी तैयार हो गई।

    हिंदू दोस्तोंं से किया संपर्क, मिली मदद

    जिसके बाद सुमित ने अपने हिंदू दाेस्तों से मदद मांगी। जिस पर उसकी मदद के लिए हिंदू युवा वाहिनी के कार्यकर्ता तैयार हो गए।जिसके बाद वह सुमित को लेकर अगस्त्य मुनि के आश्रम में महंत एवं राष्ट्रीय जागरूक ब्राहाम्ण महासंघ के मंडल अध्यक्ष पंडित के के शंखधार के पास लेकर पहुंचे।इसके साथ ही उन्होंने अपने बालिग होने का भी प्रमाण दिया।

    पहले कराई गोद भराई, फिर किया कन्यादान

    सात फेरे लेने की इच्छा जताने पर महंत ने हिन्दू युवा वाहिनी के कार्यकर्ताओं से नूर बी की गोद भराई की रस्म करवाई।इसके बाद शादी की रस्मों काे पूरा करते हुए खुद कन्यादान किया।अंत में सुमित ने नूर बी की मांग भरने के बाद फेरे लिए।फेरे लेने के दौरान दोनों ही भावुक हो गए।

    नूर बी बोली- अब मुझे निशा बुलाएं

    शादी के बाद नूर बी ने कहा कि अब उसे निशा बुलाएं और भविष्य में भी उसे इसी नाम से पहचाना जाए।निशा ने बताया कि वह बालिग हैं और अपना भला-बुरा खुद सोच सकती है।लिहाजा दोनों किसी दूसरे शहर में रहेंगे।उन्होंने कहा कि वह मातारानी के भक्त है। नवरात्र मेें वह उपवास रखेंगे।