दिहाड़ी मजदूरी दिखावा, विदेश में होटलों में रहती थी बांग्लादेशी मुनारा... 15 वर्ष पहले भाई भी सीमा पार से आकर बसा
बरेली में रह रही बांग्लादेशी मुनारा का सच सामने आया। दिहाड़ी मजदूरी का दिखावा करने वाली मुनारा नौ बार विदेश यात्रा कर चुकी है और दुबई-कुवैत में संपर्क रखती थी। पुलिस को उसकी गतिविधियों पर शक है और जांच जारी है। मुनारा ने अपनी बहनों को भी अवैध रूप से बुलवाया था जिन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है। उसका एक भाई भी 15 साल से यहाँ रह रहा है।
नीलेश प्रताप सिंह l जागरण बरेली। अवैध रूप से सीमा पार कर बरेली में रिक्शा चालक से शादी के बाद दिहाड़ी मजदूरी कर रही बांग्लादेशी मुनारा बी का मकसद सिर्फ शरण लेना नहीं था। फर्जीवाड़ा कर उसका नौ बार विदेश जाना, वहां होटलों में रुकना, दुबई-कुवैत में शेखों से संपर्क करना सुनियोजित षड्यंत्र का संकेत है।
53 वर्ष से उसकी गतिविधियां भांपने में असफल पुलिस अब स्वीकार रही कि मुनारा के पीछे ‘कुछ लोग’ हैं। जासूसी की आशंका के बीच उससे 24 घंटे की पूछताछ में कई सुराग मिले हैं।
बहनों को भी बुलाकर यहां कराया निकाह
बरेली में बसने के बाद उसने दोनों बहनों सायरा व तस्लीमा को भी अवैध रूप से बुलाकर स्थानीय युवकों से निकाह करा दिया था। पुलिस ने इन तीनों को शनिवार को जेल भेज दिया। इनका एक भाई भी 15 वर्ष से हाफिजगंज कस्बा में है। उसकी भी जांच की जा रही। तीन महीने पहले शासन के आदेश पर सभी जिलों में संदिग्ध बांग्लादेशी और रोहिंग्यओं की तलाश शुरू हुई थी। जांच के दौरान इनलोगों पर शक हुआ था। इसके बाद शुक्रवार को पुलिस ने मुनारा व उसकी बहन सायरा, तस्लीमा को गिरफ्तार किया था।
मुनारा ने रिक्शा चालक से किया निकाह
मुनारा ने रिक्शा चालक यासीन ने निकाह किया, इसके बाद फर्जीवाड़ा कर आधार-पैन कार्ड व पासपोर्ट बनवाए। उसने बांग्लादेश, दुबई व कुवैत की यात्रा की। 65 वर्षीय मुनारा ने पुलिस को बताया कि 1970 या 1972 में कौन मुझे लेकर आया, यह याद नहीं है, दोनों बहनें भी उसी समय आई थी। उसका बयान उलझाऊ था क्योंकि, सायरा की उम्र वर्तमान में 48 व तस्लीमा की 45 वर्ष है। शनिवार को दैनिक जागरण की टीम तीनों के घर पहुंची तो झूठ से पर्दा हट गया।
दिहाड़ी मजदूर बताने वाली मुनारा का आलीशान घर
खुद को जरी-जरदोजी की 200-300 रुपये दिहाड़ी मजदूर बताने वाली मुनारा के दो मंजिल मकान की टाइल्स वाली दीवारों पर सीसीटीवी कैमरे लगे थे। घर के अंदर स्मार्ट, फ्रीज, कूलर जैसे सभी संसाधन उपलब्ध थे, जोकि पुलिस ने भी देखे। उसके पति का 17 वर्ष पहले देहांत हो चुका, बेटा दुष्कर्म के आरोप में जेल में है।
इसके बावजूद विदेश यात्रा या घरेलू संसाधनों के लिए रुपये आना पुलिस को संदेह बढ़ा रहा। 1995 में उसका पासपोर्ट आवेदन निरस्त हुआ, मगर 2011 में एजेंट के माध्यम से बनवा लिया। उसने फर्जीवाड़ा कर कागज लगाए गए, जिनमें जन्मतिथि 1959 अंकित की गई।
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