अपर परिवहन आयुक्त प्रवर्तन ने एक ही नाम पर आरसी व परमिट मामले में दिए जांच के आदेश
Bareilly Auto Registration and Permit News आरटीओ के कर्मचारियों ने कागजों में गोलमाल करके सड़कों पर भ्रष्टाचार की गाड़ी बेखौफ दौड़ाए जाने एक फाइनेंसर को फायदा पहुंचाने के मामले को जागरण ने प्रमुखता से उठाया था। जिसका संज्ञान प्रदेश के परिवहन मंत्री अशोक कटारिया ने लिया है।

बरेली, जेएनएन। Bareilly Auto Registration and Permit News : आरटीओ के कर्मचारियों ने कागजों में गोलमाल करके सड़कों पर भ्रष्टाचार की गाड़ी बेखौफ दौड़ाए जाने, एक फाइनेंसर को फायदा पहुंचाने के मामले को जागरण ने प्रमुखता से उठाया था। जिसका संज्ञान प्रदेश के परिवहन मंत्री अशोक कटारिया व अपर परिवहन आयुक्त प्रवर्तन वीके सिंह ने लिया है। उन्होंने पूरे मामले में निष्पक्ष जांच कर कार्रवाई करने के निर्देश उप परिवहन आयुक्त को दिए हैं। वहीं उप परिवहन आयुक्त मुख लाल चौरसिया ने पहले ही पूरे प्रकरण के दस्तावेज व रिकार्ड का ब्योरा आरटीओ कमल गुप्ता से तलब किया है।
कालरा एचपी एंड फाइनेंस कंपनी लिमिटेड ने सभी बेची गई आटो पर अपने यहां नौकरी करने वाले अजय कुमार व संजय कुमार के नाम बतौर पार्टनर आटो के पंजीकरण व परमिट में दर्ज करवा दिए। वैसे तो दोनों कर्मचारियों की मौत हो गई है, लेकिन शहर में अभी भी पांच सौ के तकरीबन आटो ऐसे चल रहे हैं जिनमें उनके नाम अंकित हैं। जबकि 2018 में ऐसे वाहनों की आरसी व परमिट निरस्त कर किसी एक के पक्ष में करने के निर्देश दिए गए थे। मामले में फाइनेंस कंपनी के प्रोपराइटर गोविंद सिंह कालरा ने बताया कि दोनों नाम के लोग उनके कार्यालय में तैनात नहीं थे, बल्कि दोनों गारंटी लेने का काम करते थे। कागजात में उनके नाम गारंटर के रूप में दर्ज हैं।
बता दें कि वर्ष 2018 में तत्कालीन आरटीओ डा. अनिल कुमार गुप्ता ने इस मामले को पकड़ा था। जिसे उन्होंने आरटीए की बैठक में गंभीरता से रखा था। जिसके बाद इन आरसी व परमिट को निरस्त कर वास्तविक मालिक के नाम किए जाने के निर्देश भी दिए गए थे। जिसके बाद अभी भी जिले में कुल पांच सौ के तकरीबन आटो के आरसी व परमिट अभी भी नहीं बदल सके हैं।
आरटीओ के बाबुओं ने परमिट व आरसी बदलने में भी की लापरवाही
आरटीओ के बाबुओं ने आरटीए की बैठक के बाद आरसी व परमिट से नाम हटाने का काम शुरु हुआ तो लगाए गए दस्तावेजों का भी ध्यान नहीं दिया। बाबुओं ने एक ही स्टांप पेपर की फोटोकापी में सभी गाड़ियों में नाम परिवर्तन कर दिया। जिसमें मृतक के नाम व वाहन स्वामी के नाम में परिवर्तन होने का भी ध्यान नहीं दिया गया।
नाम हटवाने के नाम पर वसूले गए रुपये
आरसी व परमिट में नाम हटवाने के नाम पर भी आटो मालिकों से रुपये वसूले गए। आटीओ में खर्च के नाम पर 15 से 25 हजार रुपये प्रति आटो वसूला गया। जबकि पार्टनर के वारिसान आदि को इसका कोई लाभ नहीं दिया गया।
आरटीओ से पूरे प्रकरण की जानकारी के साथ ही संबंधित ब्योरा मांगा है। मंगलवार को कार्यालय खुलने पर प्रकरण के हर बिंदु पर जांच की जाएगी। किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा। - मुख लाल चौरसिया, उप परिवहन आयुक्त
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