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    दिल्ली NCR के बाद बरेली की हवा भी हुई जहरीली, दीपावली के बाद भी नहीं था इतना AQI; चेक करें आपके इलाके का क्या है हाल?

    By HIMANSHU AGNIHOTRIEdited By: Anshul Bhartariya
    Updated: Mon, 03 Nov 2025 10:30 AM (IST)

    बरेली में राजेंद्र नगर का वायु गुणवत्ता सूचकांक 222 तक पहुंचने से हवा 'बहुत खराब' श्रेणी में आ गई है, जिससे सांस लेने में तकलीफ हो सकती है। प्रदूषण का कारण वाहनों का धुआं और निर्माण कार्य हैं। विशेषज्ञों ने बचाव के लिए पानी का छिड़काव और पौधरोपण करने की सलाह दी है। मोंथा तूफान का प्रभाव कम होने से मौसम शुष्क रहने की संभावना है, लेकिन तापमान में गिरावट आ सकती है।

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    धुंध में लिपटा शहर जागरण 

    जागरण संवाददाता, बरेली। शहर में लंबे समय बाद राजेंद्र नगर का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआइ) बढ़कर 222 पहुंच गया, जोकि बहुत खराब माना जाता है। इससे सामान्य लोगों को भी सांस संबंधी समस्या होने की आशंका बढ़ जाती है।

    हैरत की बात यह है कि बीते माह दीपावली के बाद भी सिविल लाइंस में एक्यूआइ 58 और राजेंद्र नगर में 155 दर्ज किया गया था। रविवार को एक्यूआइ में हुई बढ़ोतरी के पीछे वाहनों से निकलता धुआं, निर्माण आदि को माना जा रहा है।

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    प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से प्राप्त आंकड़ों को देखें तो शहर में सिविल लाइन का एक्यूआइ 86 और राजेंद्र नगर का 222 दर्ज किया गया है। इसको लेकर बरेली कालेज के पर्यावरण विभाग प्रभारी डा. जसपाल सिंह ने बताया, वाहनों, निर्माण, पेड़ों की कटाई आदि से प्रदूषण बढ़ता है।

    इसके दुष्प्रभाव के रूप में श्वास, त्वचा रोग, शुद्ध हवा की कमी आदि की समस्या देखने को मिलती है। समस्याओं के रोकथाम के लिए पानी का छिड़काव, निर्माण स्थल पर हरी जालीदार चादर का इस्तेमाल किया जाए। पौधरोपण किया जाए, रात में मौसम सर्द रहता है ऐसे में रात में निर्माण किया जाए।

     

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    मोंथा तूफान का प्रभाव हुआ समाप्त

    रविवार को अधिकतम पारा 28.3 और न्यूनतम 16.3 दर्ज किया गया, जोकि एक दिन पूर्व 29.1 और 19.5 डिग्री सेल्सियस था। ऐसे में सबह धुंध छाई रही, न्यूनतम पारा भी तीन डिग्री तक लुढ़का। दिन के समय तेज हवाएं चलीं, हल्की धूप का प्रभाव बना रहा। आंचलिक मौसम केंद्र के विज्ञानी अतुल कुमार सिंह ने बताया, बंगाल की खाड़ी में बने गंभीर चक्रवाती तूफान मोंथा के प्रभाव से बीते सप्ताह के दौरान जहां वर्षा के साथ तापमान में उतार-चढ़ाव देखा गया। इसका असर समाप्त होने पर धीरे-धीरे मौसम साफ होने लगा है। कोई सक्रिय मौसम तंत्र नहीं होने से आगामी एक सप्ताह तक मौसम शुष्क रहने की संभावना है। हालांकि न्यूनतम पारा दो से तीन डिग्री तक लुढ़कने के आसार हैं।

    कलर कोड से जानें प्रभाव

    0-50  हरा कोई नहीं
    101-200  पीला सांस रोगियों को परेशानी
    201-300  नारंगी सामान्य लोगों को भी सांस संबंधी समस्या
    301-400  लाल सांस रोग की आशंका, अस्थमा की आशंका
    401-500  गहरा लाल सामान्य और सांस रोगी दोनों के लिए घातक

    बचाव के उपाय

    • दरवाजे बेवजह खुला न रखें।
    • सांस रोगी मास्क पहनें।
    • सुबह-शाम घर से बाहर कम निकलें।
    • पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं।