फरहत के मददगारों का कसेगा शिकंजा... किन दस्तावेजों से बनाया पाकिस्तानी महिला का आधार कार्ड? होगी सख्त कार्रवाई
बरेली में पाकिस्तानी महिला द्वारा फर्जी दस्तावेजों के सहारे आधार कार्ड बनवाने का मामला सामने आया है। पुलिस ने जांच शुरू कर दी है और भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) से जानकारी मांगी है। महिला 1961 में अपनी ननिहाल बरेली आई थी और 1985 में उसने निकाह कर लिया था। पुलिस अब यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि आधार कार्ड किसने और कब बनाया।
जागरण संवाददाता, बरेली। पाकिस्तानी महिला का आधार कार्ड किसने और कब बनाया, इसकी जांच शुरू हो गई है। बारादरी पुलिस ने भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआइडीएआइ) से इसकी जानकारी मांगी है। वहां से रिपोर्ट आने के बाद उस आधार केंद्र संचालक को भी गिरफ्तार किया जाएगा।
बारादरी थाने के दारोगा सौरभ अपने क्षेत्र में रोहिंग्या व बांग्लादेशियों की तलाश में लोगों का सत्यापन कर रहे थे। उन्हें सूचना मिली कि पाकिस्तान की रहने वाली फरहत सुल्ताना जोकि वर्तमान में सूफी टोला में रह रही है, उसने फर्जी दस्तावेज के सहारे करीब 16 वर्ष पहले आधार कार्ड और 10 वर्ष पहले राशन कार्ड बनवा लिया था। इन कागजात के जरिये वह सरकार की योजनाओं का लाभ भी ले रही है।
मामले में गहनता से जांच की गई तो पता चला कि महिला वर्ष 1961 में बरेली अपनी ननिहाल में मां के साथ दीर्घकालिक वीजा पर आई थी। उस वक्त वह आठ माह की थी, तब से वह यहीं पर रही है। वर्ष 1985 में उसने सूफी टोला निवासी शाहिद खलील से निकाह भी कर लिया। इसके बाद फरहत के सात बच्चे हुए इसमें पांच लड़कियां और दो लड़के थे।
सबसे छोटी बेटी का निधन हो गया और एक बेटी का गाजियाबाद में निकाह हो गया। अब तीन बेटियां और दो बेटे फरहत के साथ रहते हैं। परिवार के गुजर बसर के लिए बेटियां जरी का काम करती हैं और बेटे मेहनत मजदूरी करते हैं।
पुलिस ने दारोगा सौरभ के शिकायती पत्र पर आरोपित महिला के विरुद्ध बारादरी थाने में प्राथमिकी लिख ली है। प्रारंभिक पूछताछ में यह भी पता चला कि फरहत सुल्ताना पाकिस्तान में कराची की रहने वाली थी। जब वह अपनी मां सुल्ताना अंजुम के साथ बरेली आई तो उस वक्त उसकी बहन नुसरत भी साथ में थी। उस वक्त नुसरत की उम्र करीब ढाई वर्ष थी। मां नुसरत को अपने साथ ले गई और फरहत को नाना के पास ही छोड़कर चली गई थी।
अब पुलिस ने इस बात की जानकारी शुरू की है कि आखिर महिला का यह आधार कार्ड किसने और कब बनाया था। इसके लिए थाने से भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण से जानकारी मांगी गई है। साथ ही यह भी डिटेल मांगी है कि महिला ने आधार बनाने के लिए किस अन्य दस्तावेज का प्रयोग किया और वह कहां से बना था।
यूआइडीएआइ से महिला के आधार कार्ड की जानकारी मांगी गई है कि आखिर वह किसने और कब बनाया था और उसे बनाने वाले संचालक का क्या नाम था, जिससे पुलिस उससे भी पूछताछ कर सके।
- धनंजय पांडेय, इंस्पेक्टर बारादरी
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