Drought News : यूपी में सूखे के हालात देख बदायूं का कृषि विभाग तैयार कर रहा रिपोर्ट
Possibility of Drought in Badaun इस बार बारिश न होने के चलते सूखा पड़ने की संभावना बढ़ती जा रही है।जिसको लेकर प्रदेश के कई जिलों में सूखा पड़ने के हा ...और पढ़ें

बदायूं, जागरण संवाददाता। Badaun News : जून के बाद अब जुलाई में भी वर्षा न होने के बाद सूखा पड़ने की आशंका से किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें दिखने लगी हैं। धान के अलावा खरीफ की अन्य फसलों की बोआइ भी पिछड़ गई है। अब कृषि विभाग ने भी सूखा को देखते हुए अपनी रिपोर्ट तैयार करनी शुरू कर दी है।
प्रदेश के करीब एक दर्जन से ज्यादा जनपदों में सूखे की आशंका को लेकर बैठकें शुरू हो गई हैं। बदायूं के लिए शासन से अभी और पंद्रह दिन इंतजार करने को कहा है। जुलाई भर मौसम के हालात यही रहे तो शासन को अन्य जनपदों के साथ बदायूं को भी सूखा वाले जिलों की सूची में शामिल करना पड़ेगा।
जिले में बारिश जून के महीने में आ जाती है इस बार भी बारिश मौसम विभाग के अनुसार 10 जून के बाद आ गई। फिर भी अभी तक सिर्फ तीन बार बारिश हुई है। जुलाई महीना आधा निकल गया लेकिन बारिश नहीं हो रही है। इसकी वजह से धान की फसल पूरी तरह प्रभावित हो रही है।
जिले में 85000 हेक्टयर धान लगना है जहां 15 जुलाई तक 80 प्रतिशत धान रोपाई होती थी आज 30 प्रतिशत हुई है। वहीं खरीफ की फसलें भी बुवाई के लिए प्रभावित हो रही हैं। कृषि वैज्ञानिकों और शासन को सूखा की संभावना लग रही है। जिसमें जनपद के आसार भी लग रहे हैं। इससे धान, गन्ना, मक्का, बाजरा, उूर्द, तिल सहित फसलें प्रभावित हो रही हैं। 25 से 30 जुलाई तक 300 मिमी से अधिक वर्षा की संभावना जताई जा रही है।
जनपद में 25 से 30 जुलाई तक बारिश का इंतजार किया जा रहा है। शासन स्तर पर सूखा की आशंका को लेकर बैठकें शुरू हो गई हैं। जिले में भी तैयारियां शुरू कर दी हैं पता नहीं शासन किस दिन जानकारी ले ले। इसलिए रिपोर्ट तैयार कर रहे हैं। वर्षा न होने से किसान काफी परेशान हैं। दुर्गेश कुमार, जिला कृषि अधिकारी
कोरोना काल ने ऐसा कोई वर्ग नहीं छोड़ा है जिसको प्रभावित न किया हो। वैसे ही किसान मंहगाई से परेशान है अब सूखा जैसे हालात बन रहे हैं अगर सूखा पड़ा तो किसान बर्वाद हो जाएगा। किसान को परिवार चलाना मुश्किल हो जाएगा। धानरोपाई कराना मुश्किल है बिना बारिश खेतों की सिंचाई करना मुश्किल हो गई है। ईश्वर से दुआ करता हूं कि सूखा का मुंह न देखना पड़े। राधेश्याम उर्फ मुन्ना लाल, किसान लखनपुर
धान फसल की रोपाई का समय है इतनी ज्यादा मंहगाई है कि फसलों में कुछ बचाना मुश्किल है ऊपर से अब फसल लगाने के बाद गर्म मौसम के चलते धान की फसल खराब हो रही है। पानी जैसे-तैसे भर भी देते हैं लेकिन तेज धूप के बीच पानी खेत का खौल जाता है और धान रोपाई वाला पौधा नष्ट हो जा रहा है। कैसे फसल को बचाएं, बिन बारिश कैसे फसलें होंगी।संदेश पटेल, किसान बावट
खरीफ की फसलें बोने को पड़ी हैं बिना बारिश के चलते खेतों की जुताई नहीं हो पा रही है। मौमस बिल्कुल करवट नहीं बदल रहा है। जुलाई का आधा महीना निकल गया अब तक कितनी बारिश होती थी लेकिन इस बार बिल्कुल बारिश नहीं हो रही है। फसलों के कैसे बचाएंगे। सूखा जैसे हालात हुए तो परिवार को दो वक्त की रोटी कैसे खिला पाएंगे। विक्की, किसान नगला शर्की
खेत में गन्ना और बाजरा की फसलें हैं भूड़ इलाके की जमीन है काफी समय से पानी नहीं लगा है। इंतजार कर रहे कि बारिश हो जाए लेकिन बारिश भी नहीं हो पा रही है। ऐसे कैसे फसलों को बचा पाएंगे। बिजली भी भरपूर मिल नहीं रही है। कटौती के चलते फसलें सूख रही हैं। संजय सागर, किसान

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।