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    Badaun Kakoda Fair 2021 : कार्तिक पूर्णिमा पर बदायूं के ककोड़ा में लाखों श्रद्धालुओं ने किया गंगा स्नान

    By Samanvay PandeyEdited By:
    Updated: Fri, 19 Nov 2021 08:45 AM (IST)

    Badaun Kakoda Fair 2021 रुहेलखंड के मिनी कुंभ मेला ककोड़ा में शुक्रवार को लाखों लोगों ने गंगा स्नान किया। आधी रात से ही लोगों के मेला में पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया सुबह तक हर तरफ भीड़ ही भीड़ दिख रही थी।

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    बदायूं के ककोड़ा में कार्तिक पूर्णिमा पर गंगा स्नान के लिए उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़।

    बरेली, जेएनएन। Badaun Kakoda Fair 2021 : रुहेलखंड के मिनी कुंभ मेला ककोड़ा में शुक्रवार को लाखों लोगों ने गंगा स्नान किया। आधी रात से ही लोगों के मेला में पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया, सुबह तक हर तरफ भीड़ ही भीड़ दिख रही थी। भोर से ही हर हर गंगे के जयघोष के साथ स्नान शुरू हो गया। दो जगह स्नान घाट बनने से काफी राहत रही। नदी में नाव से पुलिस निगरानी करती रही। घाट पर जहां पानी ज्यादा था वहां जाने से लोगों को पुलिस रोकती रही।

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    दस हजार से अधिक लोगों को बदायूं के ककोड़ा मेले में मिला रोजगार : ककोड़ा मेला जहां आस्था का प्रतीक है, वहीं आसपास के गांव व कस्बों के लोगों के लिए रोजगार का बड़ा अवसर भी है। इस बार ककोड़ा मेले ने दस हजार लोगों से अधिक लोगों को रोजगार दिया है। मेले में आसपास के गांव के लेागों ने कई छोटी बड़ी दुकानें लगाई हैं। सबसे ज्यादा खानपान की दुकानें लगी हैं, जिससे वह प्रतिदिन दो से तीन हजार रुपये तक प्रतिदिन कमा रहे हैं। इन लोगाें ने बताया कि मेला ककोड़ा लगने का पूरे साल भर इंतजार करते हैं।

    गंगा किनारे बसे ककोड़ा मेले में शुक्रवार को लाखों की भीड़ पहुंचने का अनुमान जताया जा रहा है। इस मेले में आने वाले लोगों में कई यहां एक, दो और चार दिन तक रुकते भी है। जो मेले में लगी दुकानों से खरीदारी करते हैं। यहीं खाते पीते और मस्ती करते हैं। इन लोगों के जरिए ही मेले में दुकान लगाए दुकानदारों की आमदनी होती है। इस बार मेले में अब तक बीते सालों की तरह रौनक तो नहीं देखी गई है, लेकिन शुक्रवार को काफी भीड़ पहुंच सकती है।

    मेले के जरिए दस हजार से अधिक लोगों को रोजगार मिला है। इसमें सीधे तौर पर 1300 स्थाई दुकानें लगी है, जिनमें दो से चार कर्मचारी लगे हैं। इसके अलावा मेले में बनाए गए झूले के दो प्वाइंट, जहां 200-200 कर्मचारियों को लगाया गया है। इसके अलावा मेला में पांच सौ से अधिक अस्थाई दुकानें हैं जहां एक से दो व्यक्ति अपने स्वरोजगार कर रहे हैं। इतना ही नहीं मेले में साइकिल स्टैंड, बस स्टैंड और कई वेंडरों को भी लगाया है, जो मेले के जरिए रोजगार कर रहे हैं।

    रेतीली डगर पर श्रद्धालुओं को हिचकोले : मेला ककोड़ा की जल्दबाजी में की गई तैयारियों के बीच श्रद्धालुओं को अवागमन में दिक्कत का सामना करना पड़ सकता है। हर वर्ष दो साइड रोड तैयार किया जाता है, लेकिन इस बार जल्दबाजी में एक साइड ही रोड तैयार हो पाया। रोड पर रेतीली बालू है। नतीतन रोड पर फिसलन बढ़ गई है। जिससे रोड समतल की बजाय ऊंचा नीचा हो गया। मुख्य मार्ग से मेले के अंदर तक जाने के लिए श्रद्धालुओं को हिचकोला खाते हुए गुजरना पड़ रहा है। शुक्रवार को श्रद्धालुओं को जाम और रेतीली मार्ग पर दुश्वारियों को सामना करना पड़ सकता है। लाखों की तदाद में जुटने वाले श्रद्धालुओं के लिए एक साइड मार्ग परेशानियों का सबब बन सकता है।