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    आयुष्मान और प्रीति योग के अद्भुत संयोग में मनाया जाएगा रक्षाबंधन, जानें क्या होगा खास

    By Ravi MishraEdited By:
    Updated: Mon, 27 Jul 2020 10:44 PM (IST)

    प्रीति योग भाई बहनों के बीच में अटूट स्नेह की वृद्धि करेगा और आयुष्मान योग वैसे ही अत्यंत मंगलकारी माना गया है।

    आयुष्मान और प्रीति योग के अद्भुत संयोग में मनाया जाएगा रक्षाबंधन, जानें क्या होगा खास

    बरेली, जेएनएन। भाई बहनों के अटूट स्नेह का पावन पर्व यानी रक्षा बंधन का त्योहार इस बार तीन अगस्त सोमवार को मनाया जाएगा। दरअसल यह पर्व श्रावण मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है। इस बार पूर्णिमा तीन अगस्त को पूरे दिन व्याप्त रहेगी। सबसे खास बात यह है कि इस दिन प्रात सूर्य 6 बजकर 37 मिनट तक प्रीत योग रहेगा। इसके बाद आयुष्मान योग पूरे दिन व्याप्त रहेगा।

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    आचार्य मुकेश मिश्र ने बताया कि प्रीति योग भाई बहनों के बीच में अटूट स्नेह की वृद्धि करेगा और आयुष्मान योग वैसे ही अत्यंत मंगलकारी माना गया है। इस योग में भाई की कलाई पर राखी बांधने से भाई बहन को सुख समृद्धि के साथ दीर्घायु की प्राप्ति होगी। बता दें आयुष्मान और प्रीति योग का संयोग रक्षाबंधन पर भाई बहनों के लिए किसी वरदान से कम नहीं होगा।

    इस दिन प्रात 7 बजकर 17 मिनट से से श्रवण नक्षत्र भी लग जाएगा। जिसके स्वामी भगवान विष्णु है। आयुष्मान योग के स्वामी गुरु है और प्रीति योग के स्वामी चंद्रमा है। ऐसे में गुरु विष्णु और चंद्र देव का आशीर्वाद भी भाई बहनों को प्राप्त होगा। शास्त्रानुसार भद्रा में राखी नहीं बांधी जाती है। इस बार भद्रा दो अगस्त रात्रि 9 बजकर 29 बजे से लगेगी और 3 अगस्त को प्रात: 9 बजकर 29 तक रहेगी। इसके बाद रक्षाबंधन का पर्व पूरे दिन मान्य होगा।

    राखी बांधने के विशेष मुहूर्त

    चौघडिय़ा के हिसाब से सुबह 9.29 बजे से 10.54 बजे तक शुभ का, दोपहर 2.12 बजे से शाम 7.10 बजे तक चर, लाभ और अमृत के चौघडिया रहेंगे। इसके अलावा दोपहर में अभिजीत मुहूर्त 12.06 बजे से 12.59 बजे तक रक्षा सूत्र बांधना शुभ फल देने वाला रहेगा। वैसे सुबह 9:29 बजे से संपूर्ण दिन रक्षा सूत्र बांधा जा सकता है।

    इस तरह से बंधवाएं राखी

    राखी बांधते समय भाई को पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके बैठना चाहिए। बहन को अपनी अनामिका अंगुली से भाई के मस्तिष्क पर रोली का तिलक लगाकर अक्षत (साबुत चावल) लगाने चाहिए। इसके बाद भाई की कलाई पर राखी बांधते हुए उसके मंगल की कामना करनी चाहिए। भाई को भी आपकी बहन की रक्षा का प्रण लेते हुए उसे उपहार भेंट करना चाहिए।

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