बारिश के बीच कई साल बाद बदायूं में दिखा विलुप्त हो चुका यह पक्षी, वन विभाग की टीम भी हुई चकित
रिमझिम बरसात के बाद पूर्वाह्न करीब साढ़े 11 बजे आनंदीपुर गांव के कुछ लोग खेत की तरफ गए तो गिद्ध देखकर हैरान रह गए। कौतुहल बढ़ा तो गांव के और लोग भी एकत्रित हो गए। गिद्ध की उम्र बहुत कम है वह उड़ नहीं पा रहा था।

बदायूं, जागरण संवाददाता। जिले में वर्षों से गिद्ध नहीं दिखाई दे रहे हैं। वन विभाग की गणना में भी गिद्ध नहीं बचे हैं, लेकिन बुधवार को सहसवान के आनंदीपुर गांव के निकट खेत में ग्रामीणों को गिद्ध का बच्चा मिला है। ग्रामीण उसे पकड़ कर गांव ले आए और वन विभाग को अवगत कराया। वन विभाग की टीम उसे अपने साथ ले गई है। इसे आरक्षित मालपुर ततेरा के जंगल में संरक्षित करने की तैयारी की जा रही है।
रिमझिम बरसात के बाद पूर्वाह्न करीब साढ़े 11 बजे आनंदीपुर गांव के कुछ लोग खेत की तरफ निकले। एक खेत के पास गिद्ध देखकर हैरान रह गए। गिद्ध दिखने का कौतुहल बढ़ा तो गांव के और लोग भी एकत्रित हो गए। गिद्ध की उम्र बहुत कम है, वह बहुत कम उड़ पा रहा था। बरसात में शायद पंख भीग जाने के कारण बिल्कुल नहीं उड़ पा रहा था। वन विभाग के रेंजर संजय रस्तोगी को ग्रामीणों ने अवगत कराया तो उन्होंने विभाग के कर्मचारी सुशांक और पुष्पेंद्र को मौके पर भेजा। वन विभाग की टीम गिद्ध को अपने साथ ले गई। रेंजर ने बताया कि हमारी जानकारी में जिले में कोई गिद्ध नहीं है। यह गिद्ध का बच्चा कहां से आया, इसकी छानबीन की जा रही है। बहुत कम उड़ पा रहा है, बरसात में पंख भीग जाने से शायद उड़ नहीं पा रहा है। इसको आरक्षित वन क्षेत्र मालपुर ततेरा में छोड़वाया जाएगा।
सहसवान और जरीफनगर में मिल चुका है तेंदुआ: आरक्षित वन क्षेत्र मालपुर ततेरा के आसपास गांवों कई बार देंदुआ निकल चुका है। कुछ दिन पहले जरीफनगर क्षेत्र में एक तेंदुआ कुंए में गिर गया था। वन विभाग की टीम ने उसे बाहर निकलवाकर जंगल में छोड़वा दिया था। सहसवान के निकट खेत में तेंदुआ के पगचिह्न मिले थे, ग्रामीणों की शिकायत पर वन विभाग की टीम ने कई दिनों तक खोजबीन की थी, लेकिन तेंदुआ मिल नहीं पाया था।
डीएफओ अशोक कुमार ने कहा कि सहसवान के आनंदीपुर गांव में गिद्ध मिलने की जानकारी मिली है। वैसे तो जिले में कोई गिद्ध नहीं है। यह कहां से कैसे आया इसकी छानबीन कराई जा रही है। आरक्षित वन क्षेत्र में इसको संरक्षित किया जाएगा।
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