शाहजहांपुर Kolaghat Bridge मामले में सेतु निगम का Action, अभियंताओं से होगी 26 करोड़ की रिकवरी
Action on Shahjahanpur Kolaghat Bridge Collapse Case शाहजहांपुर में करीब एक साल पहले कोलाघाट पुल धंसने के मामले में सेतु निगम ने कड़ा एक्शन लिया है। सेतु निगम ने जांच में दोषी पाए गए अभियंताओं से 26 करोड की रिकवरी करने का आदेश जारी किया है।
शाहजहांपुर, जागरण संवाददाता। Action on Shahjahanpur Kolaghat Bridge Collapse Case : शाहजहांपुर में करीब एक साल पहले रामगंगा स्थित कोलाघाट पुल (Kolaghat Bridge) धंसने के मामले में सेतु निगम ने कड़ा एक्शन लिया है। सेतु निगम (Bridge Corporation) ने जांच में दोषी पाए गए अभियंताओं से 26 करोड की रिकवरी किए जाने का आदेश जारी किया है।
विभाग ने यह आदेश केंद्रीय सड़क अनुसंधान संस्थान से जांच कराने में एक करोड आठ लाख रुपये खर्च करने के बाद दिया है। जिसके बाद अधिकारियों ने अपनी कवायद भी शुरू कर दी है। इसके साथ ही संस्थान के सुझाव पर सेतु निगम छह करोड़ का बजट पुर्निर्माण में खर्च कर चुका है।
दोषी पाए गए अभियंताओं में सेवानिवृत्त भी शामिल
गड़बड़ी पर सेवानिवृत मुख्य परियोजना प्रबंधक देशराज विद्यार्थी, तत्कालीन महाप्रबंधक यूसी अग्रवाल एवं डीएस अरोरा, तत्कालीन उप परियोजना प्रबंधक अशेष श्रीवास्तव, सुभाष चंद्र बागड़ी, विजय कुमार, तत्कालीन सहायक अभियंता सुभाष बाबु, अवर अभियंता एसके वर्मा, अनिल कुमार व्यास, लेखाधिकारी आरएन श्रीवास्तव सेवानिवृत हो चुके। तत्कालीन अवर अभियंता राजकुमार वर्तमान में सहायक अभियंता के रूप में कार्यरत है। तत्कालीन अवर अभियंता सर्वेश तथा शरद लोक निर्माण विभाग में हैं।
खराब गुणवत्ता का पुल बनाकर किया जिंदगी से खिलवाड़
शाहजहापुर सेतु निगम के तत्कालीन मुख्य परियोजना प्रबंधक सीपीएम समेत 13 अभियंताओं ने खराब गुणवत्ता का पुल बनाकर राहगीरों की जिंदगी से खिलवाड़ किया। 43 करोड़ रुपये खर्च होने के बाद भी पिछले वर्ष 1802 मीटर लंबे इस पुल का खंभा धंसने एक हिस्सा गिर गया था।
प्रकरण की जांच में ये सभी दोषी पाए गए, रिकवरी के आदेश हो गए हैं। कोलाघाट पहुंचे सेतु निगम के मुख्य परियोजना प्रबंधक वाणिज्य एवं बरेली मंडल के मुख्य परियोजना प्रबंधक संदीप गुप्ता ने इसकी जानकारी दी।
29 नवंबर 2021 को धंसा था कोलाघाट पुल का पिलर
जलालाबाद के शमशाबाद मोहम्मदाबाद सौरिख विधुना जाने वाले मार्ग राज्यमार्ग संख्या 163 स्थित रामगंगा तथा बहगुल नदी के कोलाबाट पर वर्ष 2006 में यह पुल बनना शुरू हुआ था। वर्ष 2009 में निर्माण के बाद आवागमन शुरू कर दिया गया।पिछले वर्ष 29 नवंबर को इसका एक खंभा धंस जाने से करीब 300 मीटर दूरी के दो स्लैब गिर गए थे।
जांच रिपोर्ट में मिली निर्माण कार्य की गुणवत्ता में कमी
संदीप गुप्ता ने बताया कि सात सितंबर को जांच रिपोर्ट सेतु निगम के पास आ गई। इसमें पाया गया कि निर्माण कार्य में गुणवत्ता की कमी थी, डिजाइन में भी बदलाव कर दिया गया। प्रबंध निदेशक संजीव भारद्वाज ने निर्माण के दौरान कार्यरत रहे मुख्य परियोजना प्रबंधक, उप परियोजना प्रबंधक, सहायक अभियंता तथा अवर अभियंता के खिलाफ जांच व रिकवरी के आदेश दे दिए है।