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    Urs-e-Ala Hazrat: आला हजरत के उर्स से अमन, मुहब्बत और इंसानियत का पैगाम, दरगाह में 15 देशों के जायरीन में दी हाजिरी

    Updated: Wed, 20 Aug 2025 09:58 AM (IST)

    बरेली में दरगाह आला हजरत पर 15 देशों के जायरीनों ने हाजिरी दी। मदरसा जामियातुररजा में अंतरराष्ट्रीय कांफ्रेंस में आला हजरत के उर्स से अमन मुहब्बत और इंसानियत का पैगाम जारी किया गया। उर्स-ए-रजवी में शिक्षा पर जोर दिया गया और माब लिंचिंग रोकने की अपील की गई। कार्यक्रम में कई देशों के लोग शामिल हुए।

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    मदरसा जामियातुररजा में उर्स ए रजवी के दौरान मौजूद अकीदतमंद। सौ. से मीडिया प्रभारी

    जागरण संवाददाता, बरेली। सुन्नी बरेलवी मुसलमानों की आस्था का केंद्र दरगाह आला हजरत पर पहुंचे 15 देशों के जायरीन ने हाजिरी देने के साथ ही मदरसा जामियातुररजा में अंतरराष्ट्रीय कांफ्रेंस का आयोजन किया गया। आला हजरत के उर्स से अमन, मुहब्बत और इंसानियत का पैगाम मुसलमानों के लिए जारी किया गया।

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    उर्स-ए-रजवी में आने वाले जायरीन की आमद से दरगाह की गलियां गुलजार हो चुकी हैं। मदरसा जामियातुररजा में काजी-ए-हिंदुस्तान मुफ्ती मुहम्मद असजद रजा खां कादरी की सरपरस्ती व सदारत में इंटरनेशनल कांफ्रेंस हुई।

    इस आयोजन को सुनने के लिए देश-विदेश से लाखों अकीदतमंद और प्रमुख उलमा शामिल हुए। इसमें जमात रजा-ए-मुस्तफा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व उर्स प्रभारी सलमान मियां ने कहा कि हर साल की तरह इस बार भी उर्स-ए-रजवी का पैगाम न केवल भारत, बल्कि पूरी दुनिया में फैले आला हजरत के चाहने वालों तक पहुंचेगा, जो अमन, मुहब्बत और इंसानियत का संदेश देगा।

    उन्होंने बताया कि देर रात तक दरगाह आला हजरत और दरगाह ताजुशशरिया में गुलपोशी व चादरपोशी की। जमात रजा-ए-मुस्तफा के राष्ट्रीय महासचिव फरमान हसन खान फरमान मियां ने बताया कि बेटियों और बेटों की शिक्षा पर ध्यान देने की जरूरत है।

    उन्होंने कहा कि सरकार को माब लिंचिंग रोकने की दिशा में काम करने की जरूरत है। मुफ्ती, आलिम, फाजिल के साथ ही कंप्यूटर, इंजीनियरिंग, यूपीएससी आदि की परीक्षाएं देकर आगे बढ़ें। आला हजरत के उर्स-ए-रजवी के कार्यक्रम के दौरान मुफ्ती मुहम्मद असजद रजा खां कादरी के ऐलान उनके आफिशियल चैनल पर प्रसारित होंगे।

    उर्स-ए-रजवी में सऊदी अरब, दुबई, यूनाइटेड किंगडम, अमेरिका, कनाडा, आस्ट्रेलिया, दक्षिण अफ्रीका, मलेशिया, इंडोनेशिया, श्रीलंका, मारीशस, फ्रांस और जर्मनी आदि देशों के साथ ही देश भर के कोने-कोने से लोग शामिल हुए। इसके अलावा हजारों की तादाद में लोग ने काजी-ए-हिंदुस्तान से मुरीद हुए।

    इस मौके पर मुख्य रूप से डा. मेहंदी हसन, हाफिज इकराम, शमीम अहमद, मोईन खान, नदीम सोभानी, कारी वसीम, कौसर अली, मोहम्मद जुनैद रजा, जुल्फिकार अहमद, यासीन खान, सय्यद रिजवान, अब्दुल सलाम, दन्नी अंसारी आदि लोग मौजूद रहे।