मधु का पांचवा बच्चा : जानें आधार की यह प्रकिया, मां के नाम के साथ लिखी जाती संतान की संख्या
Aadhar Card Process New Information हाल ही में सामने आए आधारकार्ड पर बच्चे की नाम की जगह लिखे मधु का पांचवा बच्चे के मामले में नई जानकारी सामने आई है।जिसमें यह कोई गलती नहीं है।बल्कि आधार जन्म पंजीकरण की प्रक्रिया का एक अंग है।
बरेली, जेएनएन। Aadhar Card Process New Information : आधारकार्ड में अगर किसी बच्चे के नाम की जगह दूसरा, तीसरा या चौथा बच्चा लिखा हो तो यह देखकर हैरान न हों। यह कोई गलती नहीं है, बल्कि आधारबद्ध जन्म पंजीकरण की प्रकि्रया का एक अंग है। नामकरण के बाद यह मां-बाप की जिम्मेदारी बनती है कि उसे संशोधित करा लें। पांच साल के बाद बच्चे को ले जाकर उसके फोटो और फिंगर के साथ अपडेट करा लें।
जिले की बिल्सी तहसील क्षेत्र के गांव रायपुर के दिनेश की बेटी आरती के आधार कार्ड में नाम के आगे मधु का पांचवा बच्चा लिखा होने के बाद यह प्रकरण चर्चा में आया। भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण क्षेत्रीय कार्यालय लखनऊ के उप महानिदेशक ले.कर्नल प्रशांत सिंह ने इसका संज्ञान लेते हुए स्थिति साफ की है। उन्होंने बताया कि विभिन्न राज्यों में आधारबद्ध जन्म पंजीकरण (एल्बर आधार लिंक्ड बर्थ रजिस्ट्रेशन) की शुरूआत की गई है।
इसके अंतर्गत जन्म के समय ही बच्चे का आधार नामांकन किया जाता है। आधार मां अथवा पिता का लगता है। चूंकि जन्म के समय अधिकतर बच्चों का नामकरण नहीं हुआ होता है इसलिए माता या पिता जिसका भी आधार बच्चों के आधार नामांकन के लिए लिया जाता है उनके नाम के साथ ही बच्चे का नाम देने का प्रावधान भी दिया जाता है।
उदाहरण के तौर पर सूरज का पहला बच्चा, सूरज का दूसरा बच्चा या मधु का तीसरा बच्चा, मधु का चौथा बच्चा अंकित कर दिया जाता है। अभिभावक को निर्देशित भी किया जाता है कि नामकरण हो जाने के बाद बच्चे के आधार को अपडेट करा लें। कम से कम पांच वर्ष बाद ही बच्चों की उंगलियों के निशान बायोमीट्रिक मशीन पर आते हैं, इसलिए पांच साल के बाद बच्चे को ले जाकर उसका फोटो और फिंगर अपडेट करा लें।
कैसे अपडेट कराएं बच्चे का आधार
जन्म प्रमाण पत्र बनवाने के लिए 21 दिन के भीतर आवेदन करना होता है। तब तक अभिभावक उसका नाम भी तय कर लेते हैं। जन्म प्रमाण पत्र के साथ माता अथवा पिता जिसका आधार लगा है वह आसानी से किसी भी सेंटर पर बच्चे के आधार कार्ड को को डेमोग्रेफिक अपडेट कराया जा सकता है।
पांच साल के बाद करा लें बायोमीट्रिक अपडेट
बच्चे की उम्र पांच साल हो जाने के बाद ही उसकी उंगलियां बायोमीट्रिक मशीन पर आती हैं। इसलिए बच्चे की उम्र पांच साल पूरी हो जाने के बाद उसे ले जाकर बायोमीट्रिक अपडेट करा लें। उसमें बच्चे का फोटो भी खिंचा जाएगा और फिंगर के निशान भी लिए जाएंगे।
आधार से कोई वंचित न रहे इसलिए सरकार ने आम जनता की सहूलियत के लिए आधारबद्ध जन्म पंजीकरण (एल्बर आधार लिंक्ड बर्थ रजिस्ट्रेशन) की शुरूआत की है। मां अथवा पिता जिसका आधार लगता है उसके नाम के साथ दूसरा, तीसरा, चौथा बच्चा लिख दिया जाता है। नामकरण के बाद अपडेट कराने की भी जानकारी दे दी जाती है। अभिभावकों को समय पर उसे अपडेट करा लेना चाहिए।- ले.कर्नल प्रशांत सिंह, उप महानिदेशक भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण क्षेत्रीय कार्यालय लखनऊ