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    भीड़ के हमले में हुई थी युवक की मौत, 10 आरोपियों के घर पर चला बुल्डोजर- 80 में से 35 आरोपी पहुंचाए गए जेल

    Updated: Mon, 22 Jul 2024 09:44 PM (IST)

    गांव में 400 मुस्लिम रहते हैं अधिकतर परिवार समेत भाग गए। सोमवार दोपहर को बख्तावर के मकान पर बुलडोजर चला तो कोई आसपास नहीं दिखा। सतर्कता के दृष्टिगत गा ...और पढ़ें

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    आरोपियों ने सरकारी जमीन पर कब्जा कर रखा था। (प्रतीकात्मक तस्वीर)

    जागरण संवाददाता, बरेली। मुहर्रम के जुलूस में नई परंपरा का विरोध करने पर भीड़ के हमले में घायल युवक की सोमवार को उपचार के दौरान मौत हो गई। इससे आक्रोशित पीड़ित परिवार ने बिना कठोर कार्रवाई अंतिम संस्कार से मना किया, जिसके बाद प्रशासन का बुलडोजर (बैकहो लोडर) गरजा।

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    देर शाम तक अतिक्रमण कर बनाए गए 10 मकान ध्वस्त कर दिए गए। अधिकारियों का कहना है कि उपद्रव में शामिल पीआरडी (प्रांतीय रक्षा दल) जवान बख्तावर व अन्य आरोपितों ने सरकारी जमीन पर कब्जा कर लिया था, जिसे हटा दिया।

    35 आरोपी जा चुके हैं जेल

    वहीं, पोस्टमार्टम रिपोर्ट हमलावरों की क्रूरता बता रही। जिसमें पता चला कि बड़े पत्थरों व लोहे की राड के प्रहार से युवक के सिर की हड्डियां टूट गईं, मस्तिष्क में रक्त के थक्के जम गए थे। हमलावरों से बचने के प्रयास में दोनों हाथ और कंधे लहूलुहान हो गए थे। पुलिस नामजद 80 में से 35 आरोपितों को जेल भेज चुकी है। अब सभी पर हत्या की धारा और रासुका लगाई जाएगी। संपत्ति और अवैध निर्माण चिह्नित करने की कार्रवाई पहले ही चल रही थी।

    17 जुलाई की है घटना 

    बुधवार 17 जुलाई को गौसगंज गांव में मुहर्रम के जुलूस के दौरान मंदिर के सामने ढोल बजाए गए थे। हिंदुओं ने इसे नई परंपरा बताते हुए विरोध किया तो मुस्लिम पक्ष रंजिश मान बैठा। आरोप है कि शुक्रवार 19 जुलाई की रात को दर्जनों मुस्लिम युवकों ने विरोध करने वाले परिवारों पर हमला कर दिया।

    कई हमलावर कृषक कुंदन के घर तोड़फोड़ करने लगे। पड़ोसी 25 वर्षीय तेजराम देखने पहुंचे तो बख्तावर, इसरत अली आदि ने दरवाजे से खींच लिया। स्वजन के अनुसार, हमलावरों ने तेजराम को मस्जिद के सामने गिराकर लोहे की राड से कई वार किए।

    सिर, पेट और कमर के नीचे पत्थर मारे। चार अन्य लोगों को भी घायल कर दिया, जिनका उपचार चल रहा है। उसी रात उपद्रव, एकजुट होकर हमला करने, माहौल बिगाड़ने, हत्या के प्रयास, छेड़छाड़, सरकारी काम में बाधा, लोकसेवक पर हमला आदि धाराओं में दो प्राथमिकी हुईं थीं। 45 नामजद आरोपित फरार हैं, जिनकी तलाश में दबिश दी जा रही। दूसरी ओर, रविवार से राजस्व विभाग ने गांव में अतिक्रमण चिह्नित करना शुरू किया था।

    इसमें पता चला कि उपद्रव में शामिल बख्तावर अली, रिफाकत अली समेत 11 आरोपितों ने सड़क के हिस्से पर कब्जा कर मकान बनाए हैं। एक मस्जिद भी अतिक्रमण कर बनाई गई। एसडीएम तृप्ति गुप्ता ने बताया कि बख्तावर अली का मकान अतिक्रमण कर बनाया गया था, इसलिए ढहा दिया गया। नौ अन्य मकानों का अतिक्रमण वाला हिस्सा गिराया गया है। शेष कार्रवाई जारी रहेगी।

    पीआरडी जवान व सिपाही के कारण बिगड़ा माहौल

    पुलिस के अनुसार, इसी गांव में रहने वाले पीआरडी जवान बख्तावर अली की शह पर नई परंपरा डालने का प्रयास हुआ था। विरोध पर उसके दोस्त सिपाही नफीस अहमद ने हड़काकर हिंदू पक्ष को शांत कर दिया था।

    इसके बाद हमलावरों का दुस्साहस बढ़ता गया। रविवार रात को सिपाही नफीस व पीआरडी जवान बख्तावर को निलंबित कर दिया गया। हल्का दारोगा राधाकृष्ण, हेड कांस्टेबल राजवीर सिंह, सिपाही सुहेल व गुलफाम को पुलिस लाइंस बुलाकर विभागीय जांच बैठा दी। राजस्व विभाग अपने स्तर से कार्रवाई कर रहा है। उपद्रव के आरोपितों ने अतिक्रमण भी किया था, इसलिए अवैध निर्माण ढहाए गए।

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