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    मैनपुरी में कछुआ तस्करी का भंडाफोड़, 74 कछुओं के साथ दो तस्कर गिरफ्तार

    Updated: Sat, 22 Nov 2025 10:02 PM (IST)

    मैनपुरी में पुलिस ने 74 कछुओं के साथ दो तस्करों को गिरफ्तार किया। ये तस्कर बरेली के रहने वाले हैं और इटावा से कछुए पकड़कर उत्तराखंड में दवा कंपनियों को सप्लाई करने वाले थे। पुलिस ने वन्य जीव संरक्षण अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर कार्रवाई की। पूछताछ में पता चला कि उन्हें एक कछुए के बदले दो से तीन हजार रुपये मिलते थे।

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    जागरण संवाददाता, मैनपुरी। कछुओं की तस्करी जारी है और जिम्मेदार लकीर पीट रहे हैं। शनिवार सुबह पुलिस ने कार में छुपाकर ले जाए जा रहे 74 कछुओं के साथ दो लोगों को गिरफ्तार किया है। तस्कर बरेली के रहने वाले हैं। 12 दिन पूर्व एसटीएफ और वन विभाग की टीम ने सुंदुरी प्रजाति के 197 कछुओं के साथ बरेली के युवक और उसके साथी को गिरफ्तार किया था।

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    शनिवार को पुलिस लाइन के सभागार में एएसपी ग्रामीण राहुल मिठास ने बताया कि शनिवार सुबह कछुआ तस्करी की सूचना पर पुलिस और वन विभाग की टीम ने दुमीला बार्डर पर बैरियर लेकर वाहनों की चेकिंग शुरू की।

    इटावा की ओर से आ रही स्विफ्ट कार को रोका गया। कार रुकते ही उसमें सवार दो लोग भागे, जिन्हें पकड़ने के बाद कार से बोरे में बंद 74 कछुए बरामद हुए। पकड़े गए कार सवार ज्ञानेंद्र गंगवार निवासी वार्ड नंबर एक सासूनगर थाना बहेड़ी और अर्श पठानिया निवासी खुटिया बहेड़ी जिला बरेली के खिलाफ वन्य जीव संरक्षण अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कर जेल भेजा गया है।

    शक्तिवर्धक दवा बनाने वाली कंपनियों को देनी थी सप्लाई

    क्षेत्रीय वन अधिकारी विवेकानंद दुबे ने बताया कि पकड़े गए तस्कर ज्ञानेंद्र गंगवार के खिलाफ बरेली और करहल में पांच मामले दर्ज हैं। पूछताछ में उसने बताया कि इटावा में यमुना नदी से ये कछुए पकड़े थे। उत्तराखंड में दवा बनाने वाली कंपनियों को इनकी सप्लाई देनी थी। एक कछुआ के बदले में उन्हें दो से तीन हजार रुपये मिलते हैं।