Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Corona Fighter: 71 वर्षीय शकीला ने जीती कोरोना से जंग, चौथी रिपोर्ट आई निगेटिव

    By Abhishek PandeyEdited By:
    Updated: Thu, 09 Apr 2020 09:52 AM (IST)

    पीलीभीत के अमरिया क्षेत्र में हर्रायपुर निवासी 71 वर्षीय शकीला मंडल की पहली कोरोना पॉजिटिव मरीज थी। बुधवार दोपहर आई चौथी जांच रिपोर्ट में महिला का सैंपल लगातार दोबारा निगेटिव मिला।

    Corona Fighter: 71 वर्षीय शकीला ने जीती कोरोना से जंग, चौथी रिपोर्ट आई निगेटिव

    पीलीभीत, जेएनएन। बरेली मंडल का पहला कोरोना पॉजिटिव केस बुधवार को आखिरकार निगेटिव हो गया। पीलीभीत के अमरिया क्षेत्र में हर्रायपुर निवासी 71 वर्षीय शकीला मंडल की पहली कोरोना पॉजिटिव मरीज थी। बुधवार दोपहर आई चौथी जांच रिपोर्ट में महिला का सैंपल लगातार दो बार निगेटिव पाया गया है। स्वास्थ्य विभाग ने महिला को कोरोना संक्रमण से मुक्त घोषित करते हुए उन्हें अस्पताल से डिस्चार्ज कर घर भेज दिया।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    सऊदी अरब स्थित मक्का मदीना से उमरा कर वापस लौटी महिला गत 19 मार्च को जिला अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में भर्ती की गई थी। 21 मार्च को आई जांच रिपोर्ट में शकीला के शरीर में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई। इसके बाद से जिला अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में शकीला का इलाज किया गया। सप्ताह भर के इलाज के उपरांत भी गत 28 मार्च को शकीला की दूसरी जांच रिपोर्ट पॉजिटिव ही आई थी। जिसके बाद अस्पताल प्रशासन ने गत 3 अप्रैल को संक्रमित शकीला का तीसरी बार सैंपल जांच के लिए लखनऊ भेजा। जिसकी रिपोर्ट निगेटिव प्राप्त हुई। जिससे अस्पताल प्रशासन को महिला के ठीक होने की उम्मीद जागी। फिर 6 अप्रैल को चौथी बार थ्रोट स्वाव सैंपल लेकर जांच के लिए लखनऊ भेज दिया। बुधवार दोपहर आई रिपोर्ट में महिला कोरोना संक्रमण से मुक्त घोषित की गई। देरशाम शकीला को जिला अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड से डिस्चार्ज कर दिया गया। महिला के ठीक होने से स्वास्थ्य विभाग ने राहत की सांस ली है। जिलाधिकारी वैभव श्रीवास्तव ने बताया कि अथक प्रयासों से संक्रमित महिला को बेहतर इलाज के जरिये ठीक कर लिया गया है।  

    शकीला का साहस और डॉक्टरों की मेहनत बनी मिसाल

    71 साल की शकीला उम्र के आखिरी पड़ाव पर बड़े उत्साहित होकर मक्का मदीना में उमरा करने गई थी, लेकिन जब लौटी तो कोराना वायरस संक्रमण की चपेट में आ गईं। जब उन्हें पहली बार पता चला तो वह दहशत में आ गई थी, लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी। हां, बेटे के भी कोरोना संक्रमण होने से उन्हें सदमा पहुंचा। फिर वह पूरी शिद्दत और साहस के साथ कोराना से लड़ती रहीं। करीब 20 दिनों तक यह संघर्ष चला। आखिरकार डॉक्टरों की मेहनत से शकीला ठीक होकर घर पहुंच गईं।

    बरेली मंडल में पहला पॉजिटिव केस थी शकीला

    जनपद में अमरिया क्षेत्र के हर्रायपुर निवासी 71 वर्षीय शकीला का पहला केस पॉजिटिव पाए जाने के बाद जिला प्रशासन के लिए चुनौती शुरू हो गई थी। कोरोना को कोई सटीक इलाज मौजूद न होने के बाबजूद जिला अस्पताल के चिकित्सकों ने संक्रमित महिला को पूरी तरह स्वस्थ कर दिया है। खास बात यह है कि उम्र के जिस पड़ाव को कोरोना वायरस से लडऩे के लिए सबसे खतरनाक बताया जा रहा है, उस पड़ाव में 71 वर्ष की शकीला कोरोना से मुक्त हो सकी है। सीएमओ डॉ. सीमा अग्रवाल ने इसका श्रेय महिला की जिजीविषा व स्वास्थ्य विभाग के डॉक्टरों-कर्मियों को दिया।

    डाइट का रखा गया विशेष ध्यान 

    गत 19 मार्च को महिला के सऊदी अरब से आने की जानकारी मिलते ही तुरंत आइसोलेट किया गया। सीएमएस डॉ. रतनपाल सिंह सुमन ने डॉक्टरों की टीम बनाकर महिला का इलाज शुरू किया। महिला को शुरुआत में बुखार, खांसी व गले में खराश की समस्या थी। रिपोर्ट पॉजिटिव आने के उपरांत फिजीशियन डॉ. रमाकांत सागर व ईएनटी सर्जन डॉ. अनिल कुमार मिश्रा की देखरेख में लक्षणों के अनुसार आवश्यक दवाइयों के साथ उपचार जारी रखा गया। इसके अलावा, संक्रमित महिला की डाइट का भी विशेष ध्यान रखा गया। महिला को प्रतिदिन सुबह शाम दूध व सेब दिए गए जिससे उनकी प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि हुई। शकीला को उपचार के दौरान भोजन में खिचड़ी दी जाती थी। 71 वर्ष की आयु के कारण महिला की प्रतिरोधक क्षमता अपेक्षाकृत कम ही थी लेकिन उपचार के दौरान क्लोरोक्वीन के साथ दी गईं अन्य आवश्यक दवाइयों से महिला के स्वास्थ्य में तीव्र रिकवरी देखने को मिली। 

    जाते समय हाथ जोड़ किया अभिवादन

    बुधवार को आइसोलेशन वार्ड से निकलते समय शकीला कोरोना की जंग जीतकर खुश नजर आईं। उन्होंने सभी अधिकारियों के साथ विक्ट्री साइन दिखाकर खुशी का इजहार किया। इस दौरान शकीला ने सभी स्वास्थ्य कर्मियों का हाथ जोड़कर अभिवादन किया। शकीला ने बताया कि इन बीस दिनों में अस्पताल के सभी लोगों ने हर स्तर पर सहयोग किया है जिस कारण आज मैं स्वस्थ हो पाई हूं। शकीला ने जाते जाते बेटे को भी जल्द घर भेजने की गुहार की। बता दें, शकीला का बेटा भी कोरोना पॉसिटिव है जिसका इलाज जिला अस्पताल में चल रहा है। 

    इनकी मेहनत का मिला फल

    इलाज के दौरान मेडिकल स्टाफ डॉ. नितिन मलिक, डॉ. जगदीश, डॉ. जीएस त्रिपाठी, स्टाफ नर्स दीपा, कविता, कनक, प्रियंका ने नियमित तौर पर आइसोलेशन वार्ड में ड्यूटी की। महिला को डिस्चार्ज करते समय अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. सीएम चतुर्वेदी, डॉ. विजय बहादुर राम, डॉ. हरपाल सिंह, डॉ. अश्वनी गुप्ता, नगर चिकित्साधिकारी डॉ. आर.के. सिंह, आईडीएसपी सेल के अंकुर भटनागर समेत कई स्वास्थ्य कर्मी उपस्थित रहे। 

    14 दिन तक होम क्वारंटाइन रहने की सलाह 

    शकीला को घर जाने से पहले आवश्यक दिशानिर्देश दिए गए। जिसमें साफ सफाई का विशेष ध्यान रखने व 14 दिन तक होम क्वारंटाइन रहने की सलाह दी गई है। इस दौरान स्वास्थ्य विभाग प्रतिदिन शकीला से स्वास्थ्य प्रगति रिपोर्ट लेगा।