23 घंटे चला छापा: बरेली में कारोबारी के घर CGST की बड़ी कार्रवाई, दस्तावेज जब्त
बरेली में सीजीएसटी नोएडा की टीम ने कारोबारी तरुण गुप्ता और वरुण गुप्ता के घर 23 घंटे तक छापेमारी की। टीम ने जीएसटी और सेवा कर से जुड़े दस्तावेजों की जांच की और उन्हें जब्त कर लिया। कारोबारी के अन्य प्रतिष्ठानों पर भी निरीक्षण किया गया। वरुण गुप्ता ने पहले छापे से इनकार किया, लेकिन बाद में स्वीकार किया। फैक्ट्री उनके पिता ने शुरू की थी, जहां पंखे और कूलर बनते हैं।
-1762413841320.webp)
जागरण संवाददाता, बरेली। केंद्रीय जीएसटी नोएडा की टीम की ओर से शास्त्री नगर स्थित कारोबारी तरुण गुप्ता व वरुण गुप्ता के आवास पर की गई छापेमारी बुधवार को करीब 23 घंटे बाद समाप्त हुई। टीम ने घर से विभिन्न महत्वपूर्ण दस्तावेजों को सील कर कब्जे में लिया और पूछताछ के बाद उन्हें जांच के लिए साथ ले गई। कार्रवाई के दौरान टीम ने शहर में कारोबारी के अन्य प्रतिष्ठानों और औद्योगिक इकाईयों का भी निरीक्षण किया।
मंगलवार सुबह लगभग 10:30 बजे टीम छापेमारी के लिए पहुंची थी। टीम ने जीएसटी और सेवा कर से संबंधित दस्तावेजों की गहन जांच की। इस दौरान घर के सदस्यों से कर भुगतान और कारोबारी लेन-देन संबंधी जानकारी प्राप्त की। छापेमारी के दौरान मौके पर पांच करोड़ रुपये मिलने की चर्चा भी होती रही। कारोबारी बंधु ने किसी भी तरह की नकदी मिलने से इन्कार किया है। वहीं सीजीएसटी की ओर से भी किसी भी तरह का आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है।
शास्त्रीनगर स्थित घर पर कार्रवाई के बाद टीम परसाखेड़ा स्थित फैक्ट्री और नगर निगम के पास स्थित दुकान पर भी पहुंची। वहां कर्मचारियों और संबंधित लोगों से पूछताछ के साथ दस्तावेजों की जांच की गई। टीम दस्तावेजों को साथ लेकर नोएडा रवाना हो गई है।कारोबारी के छोटे भाई वरुण गुप्ता ने बताया कि उनके बड़े भाई तरुण गुप्ता फैक्ट्री का संचालन लंबे समय से कर रहे हैं और सभी करों का भुगतान नियमित रूप से करते हैं। उन्होंने कहा कि दस्तावेजों की जांच के बाद स्थिति स्पष्ट हो जाएगी। उन्होंने मीडिया में आई कुछ खबरों को लेकर भी आपत्ति जताई और कहा कि समय आने पर सब तथ्य सामने आ जाएंगे।
पहले किया इन्कार, बाद में स्वीकार
छापे की जानकारी पूछे जाने पर वरुण गुप्ता ने पहले किसी भी तरह की कार्रवाई से इन्कार किया, कहा कि उनके घर के बजाय मोहल्ले के दूसरे व्यक्ति के आवास पर कार्रवाई हुई होगी, लेकिन जब आसपास के लोगों और पड़ोसियों ने छापेमारी की पुष्टि की, तब उन्होंने स्वीकार किया कि कार्रवाई उनके घर पर हुई है। उन्होंने कहा कि वे मानसिक रूप से तनाव में थे इसलिए स्पष्ट जानकारी नहीं दे सके।
पिताजी के समय से चल रही फैक्ट्री
कारोबारी बंधुओं की फैक्ट्री उनके पिता जी ने शुरू की थी। पड़ोसियों ने बताया कि दोनों भाइयों ने कम उम्र में ही मेहनत कर उस फैक्ट्री को कामयाब किया। वरुण गुप्ता ने बताया कि परसाखेड़ा स्थित फैक्ट्री में पंखे और कूलर का निर्माण होता है। जिसे स्थानीय बाजार व अन्य जगहों पर बिक्री की जा रही है।
जिले की टीम को नहीं लगती भनक
सीजीएसटी की कार्रवाई के मामले में हमेशा नोयडा की टीम की ओर से ही कार्रवाई होती है। जिले की टीम को मामले की भनक तक नहीं लग पाती है। करीब एक माह पहले भी सीजीएसटी की टीम ने माधवबाड़ी में प्लाईवुड कारोबारी के यहां छापा मारा था, जिसमें नोयडा की ही टीम शामिल रही। जिले की सीजीएसटी टीम के अधिकारियों ने बताया कि उन्हें मामले की कोई जानकारी नहीं है।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।