आंखें बंद करके सब कुछ पढ़ लेता है अरुनित
जागरण संवाददाता, बरेली : आंख पर काली पट्टी और हाथ में किताब। जो भी पन्ना खोलिए अरुनित ऐसे पढ़ता है ज
जागरण संवाददाता, बरेली : आंख पर काली पट्टी और हाथ में किताब। जो भी पन्ना खोलिए अरुनित ऐसे पढ़ता है जैसे खुली आंखों से देख रहा हो। बात सिर्फ मोबाइल तक नहीं है, वह मोबाइल पर मैसेज भी बंद आंखों से पढ़ लेता है। यहां तक कि किसी चीज का रंग महसूस करके बता देता है।
रुहेलखंड विश्वविद्यालय में इंजीनिय¨रग विभाग की शिक्षिका डॉ.अनीता त्यागी के बेटे अरुनित त्यागी ने नौ वर्ष की उम्र में ही मैथ माइंड जापान की खोज विद्या को सीख लिया है। मिड ब्रेन एक्टीवेशन के जरिए अरुनित की सिक्सथ सेंस जिसे तीसरी आंख कह सकते हैं, जगा लिया है। गुड़गांव की एक संस्था में उसने दो दिन ट्रेनिंग के जरिए यह हुनर हासिल किया है, जो सैकड़ों- हजारों बच्चों में से किसी एक में पैदा हो पाता है। अरुनित आंख पर पट्टी बांधकर किताब या अखबार पढ़ सकता है, रंग या कलाकृति को छू कर बता सकता है। पेज की पीठ पर लिखा हुआ छू कर पढ़ सकता है। दूर रखी किसी चीज को बंद आंखों से महसूस करके बता सकता है।
कैसे संभव है यह
यह जापानी विद्या है जो पंाच से पंद्रह साल के बच्चों को संगीत के जरिए आसानी से सिखाई जा सकती है। माना जाता है कि पांच से पंद्रह साल का बच्चा जो भी पढ़ता है वो दिमाग के बाएं भाग में आता है। उसे ध्यान के माध्यम से इमेज बनाकर दाएं भाग में ट्रांसफर कर देता है। जो अमिट होता है और सामने ही उसको सचित्र चित्रण कर देता है। माइंड एक्साइज ब्रेनजिम विद्या के जरिए यह विद्या सिखाई जाती है। इसके लिए संगीत का सहारा लिया जाता है। बेटे को ट्रेनिंग पर लेकर गई डॉ. अनीता त्यागी बताती हैं कि दो दिन के प्रशिक्षण में बच्चों को खूब खेलने कूदने दिया जाता है। जब बच्चे बिल्कुल फ्री माइंड हो जाते हैं तब उनको एक विशेष संगीत नींद में सुनाया जाता है। जब बच्चा नींद से जागता है तो उसमें मन की आंख से देखने, सुनने व पहचानने की शक्ति विकसित हो जाती है। यह विद्या चार चरणों में है। पहले चरण में आंखों से देखने और पढ़ने की शक्ति मिलती है, दूसरे चरण में बच्चा जो भी पढ़ लेगा उसको बिना देखे बता सकेगा। तीसरे चरण में जो पढ़ा है उसको मात्र छूने से बता सकेगा और चौथे चरण में पूरी किताब सामने होगी। अरुनित ने दो चरण पूरे किए हैं। इसके लिए वह छूकर किसी भी चीज को पढ़ सकता है। अपने हुनर को और तराशने के लिए अरुनित निरंतर अभ्यास करता है। मां अनीता त्यागी बताती हैं जबसे अरुनित ने प्रशिक्षण प्राप्त किया है उसका पढ़ाई का स्तर काफी अच्छा हो गया है। उसका बरताव में भी काफी बदलाव हुआ है।
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