दीदी-जीजा कहकर करीबी बढ़ाई थी कौशल ने
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बरेली : आयुष अपहरणकांड में विभीषण की भूमिका निभाने वाले कौशल ने रिश्तों का मकड़जाल बुना था। वह आयुष के माता-पिता को दीदी और जीजा कहकर पुकारता था। साथ ही हाथ जोड़कर सम्मान भी देता था। कई बार वह अपने दोस्तों के साथ आयुष के घर के बाहर जुआ भी खेलता था। जिससे वह घर में आने-जाने वाले लोगों पर नजर रख सके और जानकारियां जुटा सके।
आयुष अपहरणकांड का मास्टरमाइंड बलवीर हो ब्रजेश या फिर जग्गा। इन सभी अपराधियों ने यह साफ कर दिया है कि अपहरणकांड का बीज गंगानगर निवासी कौशल के घर ही बोया गया। यहीं बैठकर अपराधियों ने अपहरण की योजना बनाई और उसे अमली जामा भी पहनाया। कौशल ने ही घर की लोकेशन से लेकर परिजनों की स्थिति के बारे में रेकी की। उसने ही सभी जानकारियां जुटाकर अन्य अपराधियों तक पहुंचाई। आयुष की मां कमलेश ने बताया कि कौशल अक्सर घर के आसपास ही भटकता रहता था। कभी वह अपने दोस्तों के साथ घर के सामने स्थित ग्राउंड में जुआ खेलता था तो कभी घर के दरवाजे के पास खड़ा रहता था। जैसे ही वह मुझे या फिर परिवार के किसी अन्य सदस्य को देखता था, तुरंत नमस्ते करके अभिवादन करता था। जिसके कारण कभी उस पर शक तक नहीं हुआ। वह आयुष और अन्य बच्चों का हालचाल भी लेता रहता था।
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सुरक्षा न मिलने से परेशान
आयुष के परिजन अभी तक सुरक्षा न मिलने से परेशान हैं। उनका कहना है कि अभी भी डर सा लगा रहता है। वहीं आयुष के वापस लाने में अहम भूमिका निभाने वाले मामा बंटी को भी सुरक्षा नहीं दी गई है।
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घर में पसरा है सन्नाटा
इस समय आयुष के घर में सन्नाटा पसरा हुआ है। घर के सभी सदस्य किसी दूसरे स्थान पर गए हुए हैं। इसकी वजह असुरक्षा का भाव बताई जा रही है। हालांकि आयुष के परिजनों का कहना है कि वे लोग पारिवारिक काम से बाहर गए हुए हैं।
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