'राष्ट्र से बड़ा कोई मजहब नहीं', बाराबंकी में CM योगी का तंज- कुछ लोग वंदे मातरम् का विरोध करते
बाराबंकी में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भारत माता की जय और वंदे मातरम के नारों के साथ भाषण शुरू किया। उन्होंने सरदार पटेल और डॉ. आंबेडकर के योगदान को याद किया। योगी जी ने कहा कि अंग्रेजों और मुगलों ने देश को बांटने का काम किया। मुख्यमंत्री ने फतेहपुर में दिव्यांगजनों, किसानों और छात्रों को सम्मानित किया।

जागरण संवाददाता, बाराबंकी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सिया वर रामचंद्र की जय, भरत माता की जय, वंदे मातरम, सरदार पटेल...अमर रहे आदि के उद्घोष से मुख्यमंत्री ने उद्बोधन शुरू किया।
सीएम योगी ने प्रद्मश्री रामसरन वर्मा का नाम लिया।
उन्होंने बाराबंकी की धरती को प्रणाम किया। कहा कि भारत के अखंडता के शिल्पी लौह पुरुष वल्लभ भाई पटेल के 150 वर्ष पूर्ण हुआ है। भारत का राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम् भी 150 वर्ष पूरा किया है। यह वर्ष भारत के गणतंत्र और संविधान के शिल्पी डा. भी राव आंबेडकर के 150 वर्ष पूर्ण हुए हैं।
इसी वर्ष प्रयागराज में महाकुंभ के दर्शन किए थे। भव्य मंदिर के निर्माण के बाद भव्य ध्वज लहरा रहा है। यहां के जनप्रतिनिधियों को शुभकामनाएं दीं। अंग्रेजों ने देश को बांटने की कोशिश की थी और एकता को छिन्न-भिन्न करने का काम मुगल भी करते थे।
मुख्यमंत्री ने किया लाभार्थियों को सम्मानित
मुख्यमंत्री फतेहपुर के झांसा पुरवा में पहुंचे। दिव्यांग, वित्त पोषण योजना के लाभार्थी, मुख्यमंत्री युवा उद्यमी के दो युवा को सम्मानित किया।
दो छात्राओं को स्कूल बैग किट दिया। आर्गेनिक फार्मिंग किसान, समूह की चार महिलाएं, दो आवास के लाभार्थी, मत्स्य पालक और बाल विज्ञानी पूजा पाल को सीएम ने सम्मानित किया।
मुगल भारत को तोड़ना चाहते थे
उस समय घोषणा की थी कि अंग्रेज भारत को आजाद करेंगे, लेकिन उनकी शर्त थी दो भागों में इसे बांटेंगे। सरदार वल्लभ भाई पटेल की सूझबूझ ने 563 रियासतों को भारत का हिस्सा बनाकर वर्तमान में वे भारत के दिल में राज किया।
याद करिए जूनागढ़ का नवाब और हैदराबाद का निजाम भारत में शामिल करना नहीं होना चाहते थे। तब पटेल ने दोनों से शांति पूर्वक बात की, लेकिन वह भाग कर पाकिस्तान चले गए। महमदाबाद का नवाब था, जो मुस्लिम लीग का अध्यक्ष बनकर भारत के खिलाफ ताेड़ने का काम करता था। भाग कर पाकिस्तान चला गया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत का युवा कभी विचलित नहीं हुआ। यहां क्रांतिकारी हंसते हुए वंदे मातरम् बोल कर फांसी के फंदे पर झूल जाया करते थे। वह भारत की शान अपनी जान नौछावर कर दिया। यहां के कुछ लोग वंदे मातरम् को विरोध करते हैं। यह तो भारत माता की वंदना है।
भारत माता के लिए गाये जाने वाले यह गीत अंत:करण को जागृत करता है। इसमें तीन देवियों का भाव आता है, दुर्गा, लक्ष्मी और शक्ति के रूप में पूजते हैं। रविंद्र नाथ टैगोर के इस राष्ट्रीय गीत को विरोध किया जा रहा है। अखंडता के इस प्रतीक का विरोध करने वालों को जगह नहीं होनी चाहिए। कोई भी मजहब राष्ट्र से बढ़कर नहीं हो सकता है।

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