Updated: Tue, 09 Sep 2025 01:20 AM (IST)
बाराबंकी के जिला अस्पताल में एक महिला नफीसा बानो की इलाज के दौरान मौत हो गई। परिजनों ने डॉक्टरों पर बाहर से इंजेक्शन मंगवाने और इलाज में लापरवाही का आरोप लगाया है हालांकि शव का पोस्टमॉर्टम कराने से इनकार कर दिया। अस्पताल प्रशासन ने मामले की जांच के लिए पांच सदस्यीय टीम गठित की है।
संवाद सूत्र, बाराबंकी। जिला अस्पताल के ट्रामा सेंटर में एक महिला की इलाज के दौरान मौत हो गई। जनेस्मा में सफाईकर्मी के पद पर तैनात नफीसा बानो को रविवार रात गंभीर अवस्था में जिला अस्पताल के इमरजेंसी में भर्ती कराया गया था। आरोप है कि चिकित्सकों ने स्वजन से 430 रुपये का इंजेक्शन बाहर से लाने को कहा।
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इंजेक्शन लगाने के बाद नफीसा की हालत बिगड़ने लगी। इंजेक्शन लगने के आधे घंटे के अंदर नफीसा की मौत हो गई। स्वजन ने चिकित्सकों पर बाहर से इंजेक्शन मंगवाने और इलाज में लापरवाही बरतने से मौत होने का आरोप लगाया है, लेकिन शव का पोस्टमॉर्टम कराने से इन्कार कर दिया।
उधर, सीएमएस ने जांच के लिए पांच सदस्यीय जांच टीम गठित कर दी है। बंकी कस्बा निवासी सुरेश कश्यप की पत्नी नफीसा बानो को सांस लेने में दिक्कत हो रही थी।
पति ने बताया कि बाहर से इंजेक्शन मंगाकर लगाने के आधे घंटे बाद उसकी मौत हो गई। ड्यूटी पर तैनात चिकित्सकों ने बताया कि महिला को लगभग साढ़े 11 बजे रात में भर्ती किया गया, उसका आक्सीजन लेवल कम होने के बाद हायर सेंटर के लिए रेफर किया गया, लेकिन स्वजन नहीं ले गए।
देर रात उसने दम तोड़ दिया। चिकित्सकों ने आरोप को बेबुनियाद बताया है। जिला अस्पताल के नवागत मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. जय प्रकाश मौर्य ने बताया कि शिकायत मिली है। मृतका के फाइल की जांच की है। पांच सदस्यीय जांच टीम गठित कर दी गई है।
पांच चिकित्सकों को जांच टीम में शामिल किया गया। दो दिन के अंदर जांच कमेटी अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। अगर चिकित्सक की लापरवाही मिलती है तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
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