तलाक देने से इन्कार करने पर पत्नी ने कराई थी कुलदीप की हत्या
अधिवक्ता कुलदीप रावत की हत्या उसकी पत्नी ने ही तलाक देने से इन्कार करने पर कराई थी। वह कुलदीप को रास्ते से हटाकर अपने आशिक के साथ विवाह करना चाहती थी। ...और पढ़ें

बाराबंकी : अधिवक्ता कुलदीप रावत की हत्या उसकी पत्नी ने ही तलाक देने से इन्कार करने पर कराई थी। वह कुलदीप को रास्ते से हटाकर अपने आशिक के साथ विवाह करना चाहती थी। प्रकरण में उसकी पत्नी समेत तीन को गिरफ्तार किया गया है।
पुलिस अधीक्षक यमुना प्रसाद ने बताया कि सफदरगंज के छेदा का पुरवा मजरे पड़रा के रहने वाले कुलदीप रावत की चार सितंबर की रात हत्या कर दी गई थी। दूसरे दिन कुलदीप के भाई शिवदीप ने हत्या का मुकदमा कराया था। वारदात के पहले दिन से ही वारदात के पीछे मृतक की पत्नी शक के दायरे में थी। पुलिस के प्रयासों व साक्ष्यों के आधार पर कुलदीप की पत्नी रीता उर्फ लक्ष्मी, मसौली के लच्छीपुरवा मजरे डडियामऊ के रहने वाले उसके आशिक मंटू वर्मा उर्फ विवेक वर्मा और कोतवाली नगर के शुक्लाई के पंकज यादव गिरफ्तार किया है।
कुलदीप रावत का विवाह करीब आठ वर्ष पहले रीता उर्फ लक्ष्मी से हुआ था और चार वर्षीय एक बेटा भी है। रीता दो वर्षों से कोतवाली नगर के आजाद नगर मुहल्ले में ब्यूटी पार्लर चलाती थी। उसे टेंट एंड लाइट हाउस चलाने वाला मंटू दुल्हन को सजाने और अन्य ब्यूटी पार्लर से संबंधित काम दिलवाता था। इसी बीच रीता से मंटू के अवैध संबंध हो गए। रीता के मोबाइल पर अधिक बात करने से नाराज कुलदीप ने एक बार उसका मोबाइल तोड़ दिया था। उधर, मंटू के शादी के लिए दबाव बनाने पर रीता ने कुलदीप से तलाक देने को कहा, लेकिन उसने इन्कार कर दिया।
कमीशन देने के बहाने बुलाकर की हत्या हत्या की साजिश मंटू व रीता ने रची और इसमें पड़ोस की एक मोबाइल की दुकान पर काम करने वाले पंकज यादव को रुपये का लालच देकर शामिल कर लिया। पंकज ने कुलदीप को जमीन दिलाने के संबंध में हुई बातचीत का कमीशन देने की बात कहकर चार सितंबर को घटनास्थल पर बुलाया। यहां पहले से मौजूद मंटू ने गला रेतकर कुलदीप की हत्या कर दी। वारदात के बाद उसने फोन बंद कर लिया और रात करीब 11 बजे दोबारा फोन आन कर रीता से गुमशुदगी दर्ज कराने को कहा।

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