यहां थीं राजा गदिया और जहांगीराबाद की कोठी
बाराबंकी : मुख्यालय से 25 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है कोठी कस्बा। बताया जाता है कि यहां
बाराबंकी : मुख्यालय से 25 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है कोठी कस्बा। बताया जाता है कि यहां राजा गदिया और राजा जहांगीराबाद की कोठियां थीं, जोकि कस्बे के ऐतिहासिक पृष्ठभूमि से जुड़ाव होने की ओर इशारा करती हैं। यह विकास खंड सिद्धौर की सबसे बड़ी ग्राम पंचाकोठी कुछ ऐतिहासिक प्रमाणों से प्रसिद्ध है। यत है। वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार 10524 तथा वर्तमान में लगभग 12000 की आबादी है और लगभग 9000 मतदाता हैं। टाउन एरिया जैसे हालात हैं।
कोठी ग्राम पंचायत
बाराबंकी : हैदरगढ़ के मध्य ¨बदु पर स्थित है। यहां बना थाना 1916 में बना बताया जाता है। कोठी में सैकड़ों वर्ष पहले राजा गदिया व राजा जहांगीराबाद की रियासतें थीं। दोनों की कोठियां व थाने भी थे। इसीलिए इस क्षेत्र का नाम कोठी ही पड़ गया। बहुत दिनों तक इस क्षेत्र को कोठी उस्मानपुर के नाम से भी जाना जाता रहा।
इन पर है नाज : कोठी कस्बे के निवासी ¨हदू धर्म के प्रमुख धाम चित्रकूट धाम के महंत पुरुषोत्तम दास भी यहीं से रहे हैं। यहां पर वर्तमान में माहेजबी ग्राम प्रधान हैं जिनको मुख्यमंत्री द्वारा रानी लक्ष्मीबाई वीरता पुरस्कार तथा प्रधानमंत्री द्वारा राष्ट्रीय पुरस्कार भी प्राप्त हो चुका है। कस्बा कोठी निवासी रमेश चंद्र वर्मा वर्तमान में ब्लॉक प्रमुख हैं। यह है खूबी : कोठी ग्राम पंचायत में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, दूरभाष केंद्र, थाना, बिजली उपकेंद्र, साधन सहकारी समिति, साधन सहकारी दुग्ध समिति, उप डाकघर और छह राजकीय विद्यालय हैं। यहां पर बहुत पुराना खूबसूरत पंचायत भवन भी है। यह गांव जिला मुख्यालय से 25 किलोमीटर की दूरी पर तथा तहसील मुख्यालय 11 किलोमीटर की दूरी पर और ब्लॉक मुख्यालय 15 किलोमीटर दूरी पर है। आधारभूत ढांचा : यहां पर लगभग 300 के ऊपर इंडिया मार्का हैंडपंप है और कुछ कुआं भी हैं। ज्यादातर पक्के मकान हैं और लोग शौचालय का प्रयोग करते हैं। उपलब्धियां : गांव में ज्यादातर संपर्क मार्गों पर खड़ंजा लगा हुआ है। कुछ इंटरलॉ¨कग भी लगी है। यहां के ज्यादातर लोग किसानी व मजदूरी करते हैं। ज्यादातर लोगों के पास महंगे मकान व गाड़ियां हैं। सप्ताह में दो बार बुधवार व रविवार को बहुत बड़ी बाजार भी लगती है जहां पर दूरदराज के लोग भी कोठी चौराहा बाजार में खरीददारी करने आते रहते हैं। यहीं पर श्रीराम जानकी मंदिर तथा दीवाने आदिल शाह की मजार भी है जो बहुत पुराने धार्मिक स्थल हैं तथा यहां पर पंजाब नेशनल बैंक, आर्यावर्त ग्रामीण बैंक, डिस्ट्रिक्ट कोआपरेटिव बैंक भी हैं। यह हो तो बने बात : कस्बे के निवासी शोभाराम तिवारी बताते हैं कि यहां पर राष्ट्रीयकृत अन्य बैंक, पानी टंकी, ¨हदू श्माशान गृह और सुलभ शौचालय की सुविधा हो जाए तो ज्यादा बेहतर रहेगा।