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    ग्रामीणों ने टीका लगवाने से किया मना, विरोध के बाद गांव में आई टीम को भगाया

    Updated: Sun, 09 Nov 2025 07:58 PM (IST)

    एक गांव में टीकाकरण टीम को ग्रामीणों के भारी विरोध का सामना करना पड़ा। ग्रामीणों ने टीका लगवाने से इनकार कर दिया, जिसके चलते टीम को बिना टीकाकरण किए ही वापस लौटना पड़ा। अधिकारियों के समझाने के प्रयास भी विफल रहे, क्योंकि ग्रामीण टीके पर विश्वास नहीं कर रहे थे।

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    टीका न लगवाने पर अड़े ग्रामीण।

    वी.राजा, बाराबंकी। राष्ट्रीय टीका कार्यक्रम में अवरोध पर स्वास्थ्य विभाग प्रशासन ढ़िलाई बरत रहा है। पूरेडलइई के पंसारा और टिकवामऊ के साथ ही छह गांवों में परिवारों ने बच्चों को टीका लगवाने से माना कर दिया। ऐसा एक बार नहीं कई बार टीमों को गांवों से लोगों ने विरोध करते हुए दौड़ा लिया।

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    मौके पर गईं टीमों ने अपने और ब्लाक तहसील के अफसरों को सूचना दी, लेकिन कोई कार्रवाई तो संज्ञान तक नहीं लिया गया। मजबूरी में स्वास्थ्य टीमें खुद संबंधित गांवों से बिना टीका लगए लौटने को विवश हो रहे हैं।

    टीम से अभद्रता भी की जाती है। यह पूरी जानकारी होने के बाद भी टीका का विरोध करने वालों पर न तो कार्रवाई होती और न ही उनसे विरोध का कारण ही पूछा जा रहा और बच्चों को टीका भी नहीं लग पा रहे।

    निंदूरा में कस्बा कुर्सी, नयापुरवा, अब्बास नगर ,लोहराहार , फुलवारी, जाकिर नगर आदि कुछ ऐसे गांव हैं। जहां एक दो ऐसे परिवार हैं जो टीकाकरण नहीं कराते हैं। सीएचसी घुंघटेर अधीक्षक डा. आरपी वर्मा ने बताया कि इन परिवारों को समझाकर टीका लगवाया जाएगा।

    रामनगर में सीएचसी सआदतगंज, अनूपगंज, त्रिलोकपुर व दतौली ग्राम पंचायत में पेंटा वैलेंट टीका लगवाने से करीब डेढ़ सौ बच्चे वंचित हैं। सीएचसी प्रभारी चिकित्सा अधीक्षक डॉ. प्रणव श्रीवास्तव ने बताया कि सूचना पर खंड विकास अधिकारी जितेंद्र कुमार ग्राम पंचायत सचिव, प्रधान के साथ सआदतगंज में लोगों से बात की गई। सूरतगंज सीएचसी अधीक्षक डॉ. राजर्षि त्रिपाठी ने बताया, कि लगभग तीन सौ परिवार हर बार टीका लगवाने में आनाकानी करते हैं।

    राष्ट्रीय कार्यक्रम के तहत टीकाकरण जिले में कराया जा रहा है। कुछ विशेष वर्ग के लोग अगर आनाकानी करते हैं तो इसके लिए धर्मगुरुओं को सहारा लिया जाएगा। अगर पहली व दूसरी बार में टीकाकरण में आनाकानी करते हैं तो टीम इसके बाद भी मदरसों के शिक्षकों व धर्मगुरुओं भी समझाते है। फिर टीकाकरण कराया जाता है। -डॉ. अवधेश कुमार यादव, सीएमओ बाराबंकी।

    राष्ट्रीय कार्यक्रम के तहत दो वर्ष तक के बच्चों को टीकाकरण कराया जा रहा है। पेंटा वैलेंट टीकाकरण में काली, खांसी, गलाघोंटू, हेपेटाइटिस बी, बैक्टीरिया से संबंधित टीके लगाए जाते हैं। जो लोग टीका नहीं लगवा रहे हैं उन्हें समझाने के लिए स्वयं टीम के साथ जाकर टीकाकरण करवा रहा हूं। -डॉ. राजीव सिंह, जिला प्रतिरक्षण अधिकारी, बाराबंकी।