UP का बाराबंकी बन रहा PFI का गढ़, ATS-NIA की खास नजर; खंगाले जा रहे पुराने नेटवर्क
पीएफआइ से जुड़े तीन संदिग्ध लोगों को एटीएस ने फिर जिले से हिरासत में लिया है जिससे सरगर्मी बढ़ गई है। केरल के इस संगठन पीएफआइ की जिले में सबसे पहली दस्तक 14 अगस्त 2010 को सफदरगंज थाना के रामपुर कटरा में देखने को मिली थी।
जागरण संवाददाता बाराबंकी : प्रतिबंधित संगठन पापुलर फ्रंट आफ इंडिया (पीएफआइ) के सदस्य और पदाधिकारियों की गतिविधियों के दृष्टिगत बाराबंकी जिले पर राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआइए), आतंक निरोधी दस्ता (एटीएस), स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की सतर्क नजर है।
पीएफआइ से जुड़े तीन संदिग्ध लोगों को एटीएस ने फिर जिले से हिरासत में लिया है, जिससे सरगर्मी बढ़ गई है। केरल के इस संगठन पीएफआइ की जिले में सबसे पहली दस्तक 14 अगस्त, 2010 को सफदरगंज थाना के रामपुर कटरा में देखने को मिली थी। जब वहां पोस्टर चस्पा कर माहौल बिगाड़ने की कोशिश की गई थी।
10 लोगों पर दर्ज हुआ था मुकदमा
इस प्रकरण में 10 लोगों पर धार्मिक उन्माद फैलाने का मुकदमा हुआ, जिसमें तत्कालीन ग्राम प्रधान मो. इलियास पुत्र निजाम, हाजी अफजाल पुत्र अजीज अहमद, हाजी खलील पुत्र नजर अली, नसरूद्दीन, हाजी जमीर अहमद, मुंशी मुख्तार, सिराज, मो. वैस उर्फ पुत्तू, मौलाना उजेर और मो. अशफाक को नामजद कर पुलिस ने जेल भेजा था।
इसके बाद वर्षों संगठन की गतिविधियां उजागर नहीं हुईं, लेकिन वर्ष 2019 में मसौली और मोहम्मदपुर खाला में फिर पीएफआइ के पोस्टर लगाकर माहौल बिगाड़ने की कोशिश की गई। खुफिया एजेंसी ने जिले में पीएफआइ का नेटवर्क खंगाला तो सफदरगंज, कुर्सी, रामनगर, मोहम्मदपुर खाला, मसौली, कोतवाली नगर, हैदरगढ़ आदि थाना क्षेत्रों में करीब डेढ़ सौ से अधिक लोग इस संगठन से जुड़े पाए गए।
2020 को ईडी ने दी थी दबिश
तीन दिसंबर, 2020 की सुबह ईडी की टीम ने कुर्सी थाना के अगासंड गांव निवासी मुबस्सिर के यहां दबिश दी। मनी लांर्डिंग के मामले में हुई दबिश में अत्याधुनिक मशीनों से घर में जमीन, दीवार, छत, पानी की टंकी आदि की तलाशी ली गई। मुबस्सिर शाहजहांपुर में पीएफआइ शाखा से जुड़ा था। एक अगस्त की रात एटीएस ने कुर्सी के अनवारी गांव के रिजवान मुफ्ती के यहां दबिश दी।
रिजवान अपनी पत्नी के साथ घर में ही निजी मदरसा संचालित करता था, जहां से लखीमपुर के आमिर नामक युवक पकड़ा गया था, जिसे पीएफआइ का सदस्य होने की आशंका पर हिरासत में लिया गया था। सितंबर, 2022 को एसटीएफ ने कुर्सी के बहरौली गांव में दबिश देकर पीएफआइ के कोषाध्यक्ष नदीम व उसके बहराइच निवासी साथी कमरूद्दीन को गिरफ्तार किया था। इनके पास से भारी मात्रा में देश विरोध सामग्री और मिशन 2047 की सामग्री मिली थी। एनआइए ने भी इसमें पूछताछ की थी। एसटीएफ ने इसका कुर्सी थाने में मुकदमा भी लिखाया था।