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    किसान ड्रिप व स्प्रिंकलर का करें प्रयोग, पाएं अनुदान

    1480 हेक्टेयर में लगेगा ड्राप मोर क्राप (इरीगेशन) प्रथम वर्ष का लक्ष्य निर्धारित कम पानी खर्च के साथ बढ़ेगा उत्पादन आय में होगी बढ़ोतरी

    By JagranEdited By: Updated: Wed, 20 Jul 2022 12:38 AM (IST)
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    किसान ड्रिप व स्प्रिंकलर का करें प्रयोग, पाएं अनुदान

    बाराबंकी : किसानों की आय दोगुणा करने की प्रदेश की मुहिम को केंद्र सरकार का साथ मिल गया है। 'पर ड्राप मोर क्राप (इरीगेशन)' योजना की शुरुआत हो गई है। यह योजना छह वर्षों तक चलेगी यानी 2022 से 27 तक किसान ड्रिप व स्प्रिंकलर, रेनगन खरीद कर अनुदान ले सकते हैं। औद्यानिक व कृषि फसलों की सिचाई के लिए ड्रिप और स्प्रिंकलर यंत्र आते हैं। प्रथम वर्ष के लिए जिले में 1,480 हेक्टेयर में टपक सिचाई पद्धति में यंत्रों पर अनुदान देने का लक्ष्य निर्धारित कर दिया गया है। अनुदान पर पहले वर्ष आठ करोड़ 43 लाख रुपये खर्च किए जाएंगे।

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    टपक विधि के क्या हैं लाभ

    ड्रिप और स्प्रिंकलर यंत्र टपक विधि से सिचाई करते हैं। इस सिचाई में पानी की बर्बादी नहीं होती है। पानी केवल पौधों की जड़ों में देने से पानी की बचत होती है। पानी देने के लिए मेड़ व नालियां बनाने की जरूरत नहीं होती है। पैदावार तथा फसल की गुणवत्ता में अत्यधिक वृद्धि होती है। ड्रिप सिचाई पद्धति से लवणीय भूमि में भी बागवानी संभव होती है। फसलों में बीमारी एवं कीड़े-मकोड़ों पर प्रभावी नियंत्रण रहता है, जिससे फसल उत्पादन की क्षमता दोगुणा हो जाती है।

    इन फसलों में होता है प्रयोग

    बाराबंकी : ड्रिप से आम, अमरूद, आंवला, नींबू, बेर, बेल वाले पौधे आदि में पांच वर्ष तक रोपित पौधों में सिचाई की जाती है। इसके अलावा टमाटर, बैंगन, भिडी, मिर्च, शिमला मिर्च, लतावर्गीय फसलों के साथ-साथ रजनीगंधा, गुलाब, औषधि, आलू में सिचाई की जाती है। स्प्रिंकलर से मटर, आलू, गाजर, व्यावसायिक फसलें, पत्तेदार व सब्जियां तथा कृषि वाली फसलों में सिचाई की जाती है। रेनगन का प्रयोग सभी फसलों पर हो सकता है, सिर्फ बागों को छोड़कर।

    यह मिला लक्ष्य

    ड्रिप-665 हेक्टेयर

    स्प्रिंकलर पोर्टेबल-700 हेक्टेयर

    मिनी स्प्रिंकलर-20 हेक्टेयर

    रेनगन-95 हेक्टेयर

    कुल -1480 हेक्टेयर

    फैक्ट फाइल (हेक्टेयर में)

    कुल खेती का रकबा- 2,45,213

    खरीफ का रकबा-2,24,368

    रबी-2,25,748

    जायद-1,10,000

    मेंथा का रकबा-95 हजार

    धान का रकबा-1.83 लाख

    गेहूं का रकबा-1.65 लाख

    दलहन-2600

    औद्यानिक फसल का रकबा-70 हजार

    आलू-22 हजार हेक्टेयर

    लतावर्गीय फसल-3,367

    टमाटर-1,600

    मिर्च-1500

    केला-1200

    लीची-50

    स्ट्राबेरी-8

    ड्रैगनफ्रूट-3

    संकर सब्जी-25,000

    गेंदा फूल-45

    ड्रीप और स्प्रिंकलर, रेनगन के लिए प्रथम वर्ष शासन से लक्ष्य निर्धारित हो गया है। इसके लिए उद्यान विभाग की वेबसाइट पर जाकर आवेदन कर सकते हैं।

    महेश कुमार श्रीवास्तव, जिला उद्यान अधिकारी, बाराबंकी।