आइआर गैंग में रजिस्टर हुआ दिल्ली तक नेटवर्क फैलाने वाला बाराबंकी का गिरोह
IR Gang: गिरोह लखनऊ कमिश्नरेट और अयोध्या परिक्षेत्र में अधिक सक्रिय रहा, जो चोरी के महंगे उपकरण दिल्ली तक सप्लाई करता था। गिरोह का सरगना संदीप कुमार घुघंटेर के महोलिया का रहने वाला है।

एसपी ने जोन स्तरीय गैंग के रूप में पंजीकृत कर दिया
संवाद सूत्र, जागरण, बाराबंकी : मोबाइल टावर से कीमती व महत्वपूर्ण उपकरण चोरी करने वाले गिरोह को एसपी ने जोन स्तरीय गैंग के रूप में पंजीकृत कर दिया गया है। इस गिरोह में देश और राजधानी के बदमाश शामिल हैं। जिन पर गैंगस्टर का भी मुकदमा दर्ज है और अब पूरे जोन की पुलिस इस गिरोह के बदमाशों पर नजर रखेगी। अपर पुलिस महानिदेशक सुजीत पाण्डेय के अनुमोदन पर यह आइआर गैंग पंजीकृत किया गया है।
बाराबंकी के सतरिख थाने में पंजीकृत गिरोह मोबाइल टावरों से उपकरण चोरी कर बेचने का रैकेट संचालित करता है। यह गिरोह लखनऊ कमिश्नरेट और अयोध्या परिक्षेत्र में अधिक सक्रिय रहा, जो चोरी के महंगे उपकरण दिल्ली तक सप्लाई करता था। गिरोह का सरगना संदीप कुमार घुघंटेर के महोलिया का रहने वाला है।
इस गिरोह को आइआर गैंग-25 का नाम दिया गया है। गिरोह में घुंघटेर महोलिया का अमित, लखनऊ में सैरपुर क्षेत्र की शंभूनाथ कालोनी का राजेंद्र प्रसाद उर्फ गुड्डू, तरैया का सुभाष कुमार, बाराबंकी रामनगर के कुंहरवा का नंदलाल और पूर्वी दिल्ली के मंडावली स्कूल ब्लाक का कबाड़ी राशिद मलिक हैं। राशिद मूल रूप से बुलंदशहर के औरंगाबाद का रहने वाला है।
आइआर गैंग में कब पंजीयन
इंटर रेंज (आइआर) गैंग के माध्यम से प्रदेश पुलिस माफिया और आपराधिक गिरोह को एक नई पहचान दी जाती है। जिसका उद्देश्य गिरोह की गतिविधियों पर अधिक प्रभावी ढंग से सतत निगरानी और नियंत्रण करना है। यह गैंग अपर पुलिस महानिदेशक के अनुमोदन पर जिलों में दर्ज किया जाता है। इससे पहले भी कई गिरोहों पर गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की जा चुकी है और उनकी संपत्तियों को कुर्क किया गया है।
गैंगस्टर के भी हैं आरोपित
आइआर गैंग पंजीयन से पूर्व इस गिरोह पर गैंगस्टर एक्ट के तहत भी मुकदमा लिखा जाता है। गैंगस्टर एक्ट की धारा 14 (1) के तहत इन बदमाशों की वह संपत्ति भी कुर्क की जाती है। आइआर गैंग के लिए इस गिरोह के बदमाश एक नहीं, बल्कि जोन के अंतर्गत आने वाले जिलों के होने चाहिए।
अब जोन स्तर से निगरानी
पुलिस अधीक्षक बाराबंकी, अर्पित विजयवर्गीय ने बताया कि आइआर गैंग के रूप में पंजीकृत गिरोह पर अब जोन स्तर से निगरानी की जा सकेगी। गिरोह के बदमाश वर्तमान में जमानत पर बाहर है। उनकी गतिविधियों पर सतर्क नजर रखी जाएगी, जिससे अपराध पर अंकुश लग सके।

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