साबरमती एक्सप्रेस विस्फोट के दो आरोपी सुबूतों के अभाव में बरी
विस्फोट में नौ लोगों की मौत हुई थी और 40 घायल हुए थे, मृतकों और घायलों में फैजाबाद, सुलतानपुर के साथ कई अन्य जिलों के लोग शामिल थे।
बाराबंकी (जागरण संवाददाता)। फैजाबाद जिले के रौजागांव रेलवे स्टेशन पर साबरमती एक्सप्रेस में 17 वर्ष पहले हुए बम विस्फोट के दो आरोपी शनिवार को बरी कर दिए गए। विस्फोट में नौ लोगों की मौत हुई थी और 40 घायल हुए थे। मृतकों और घायलों में फैजाबाद, सुलतानपुर के साथ कई अन्य जिलों के लोग शामिल थे।
अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश महमूद अजहर खान की अदालत ने शनिवार को सिद्धार्थ नगर जिले के इटवा थाना क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम बगहवा निवासी अब्दुल मुबीन और जम्मू-कश्मीर के बारामूला जिले के टासर बारी कोरा निवासी गुलजार अहमद बानी को सुबूतों के अभाव में बरी कर दिया।
मामले में चार आरोपी थे। इनमें से फैजाबाद के लालबाग निवासी आकिल की मौत हो चुकी है, जबकि चौथा आरोपी अंबेडकर नगर जिले के थाना बसखारी अंतर्गत मखड़ा मोहनपुर निवासी मारूफ आजीवन कारावास की सजा भुगत रहा है। गुलजार अहमद बानी पर गोमती एक्सप्रेस व आगरा की बस में भी बम रखने का आरोप है।
चारों के संबंध सिमी से बताए जाते हैं। आरोपितों के अधिवक्ता बृजेश प्रताप सिंह ने बताया कि फैसले से साबित हो गया है कि पुलिस ने इतने बड़े कांड को गंभीरता से नहीं लिया। रिहा हुआ साबरमती ट्रेन में बम कांड का आरोपी गुलजार बानी विवेचक रवींद्रनाथ सिंह व वीके सिंह के साथ तत्कालीन पुलिस अधिकारियों ने भी लापरवाही बरती। बिना आधार व साक्ष्य एकत्र किए आरोप पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया गया।
इससे अभियुक्तों की व्यक्तिगत स्वतंत्रता का हनन हुआ। सरकार अभियुक्तों की शिक्षा को देखते हुए उनकी औसत आमदनी निर्धारित कर क्षतिपूर्ति करे। विवेचकों के खिलाफ कार्रवाई करे और उचित समझे तो विवेचकों से क्षतिपूर्ति की राशि वसूल कर सकती है।
अगस्त 2000 की घटना: 14 अगस्त 2000 को फैजाबाद के रौजागांव रेलवे स्टेशन पर खड़ी साबरमती एक्सप्रेस को रात पौने दस बजे मरुधर एक्सप्रेस के लिए क्रॉसिंग के चलते रोका गया था। मरुधर एक्सप्रेस के क्रास होने से पहले ही साबरमती की जनरल बोगी में तेज आवाज के साथ विस्फोट हुआ।
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कई की नहीं हुई शिनाख्त: डिब्बे के टुकड़े इधर-उधर बिखर गए। धमाके में नौ लोगों की मौत हुई थी और 40 गंभीर रूप से घायल हुए थे। मरने वालों फैजाबाद के अयोध्या, सुलतानपुर के जयरानी, बिहार के वैशाली जिले के भगवानपुर क्षेत्र से लोग शामिल थे। जो लोग मरे थे, उनमें से कई की शिनाख्त अभी तक नहीं हो सकी है।
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