दोस्ती पर आशिकी भारी...! प्रेमिका के लिए युवक ने अपने ही दोस्त को उतारा मौत के घाट, जंगल में मिला कंकाल
उत्तर प्रदेश के बाराबंकी में दोस्ती और आशिकी का एक ऐसा मामला सामने आया है जिसे जानकर हर कोई दंग रह गया है। प्रेमिका के लिए एक युवक ने अपने ही दोस्त को मौत के घाट उतार दिया। जिस युवक की 25 दिनों से तलाश हो रही थी उसका कंकाल जंगल में मिलने से सनसनी फैल गई गुडंबा पुलिस ने हत्या के आरोपी को हिरासत में लिया।
जागरण टीम, बाराबंकी। लखनऊ के गुडंबा से लापता हुए युवक का कंकाल 25 दिन बाद बाराबंकी के फतेहपुर कोतवाली अंतर्गत बसारा के जंगल में बरामद हुआ है। युवक की हत्या उसके मित्र ने की थी, जिसे गुडंबा पुलिस ने हिरासत में लिया है।
मृतक की प्रेमिका को अपने प्रेम जाल में फंसाकर युवक ने मित्र को रास्ते से हटा दिया। शव की तलाश में बुधवार को गुडंबा पुलिस आरोपित को लेकर जंगल पहुंची, लेकिन वह गुमराह करता रहा। गुरुवार को पहुंचे परिवारजन ने युवक का शव बरामद किया है।
फतेहपुर कोतवाली के अहिरनपुरवा मजरे बसारा के जंगल में गुरुवार सुबह लखनऊ के चक कौड़ियामऊ निवासी दुर्गेश यादव का कंकाल बरामद हुआ है। शव को मृतक के परिवारजन ने ही गुरुवार को खोजा।
नर कंकाल की सूचना पर मौके पर ग्रामीणों का जमावड़ा लग गया। मृतक के पास से मिले मोबाइल व कपड़ों से परिवारजन ने पहचान की। मौके पर मिला एक गमछा हत्या आरोपित का बताया जा रहा है।
यह है पूरा प्रकरण
लखनऊ के गुडंबा थाना अंतर्गत चक कौड़ियामऊ निवासी ठाकुर प्रसाद यादव का पुत्र दुर्गेश यादव फतेहपुर कोतवाली के अहिरनपुरवा मजरे बसारा निवासी अपने मामा राम हरख के यहां अक्सर आता रहता था। इसी बीच मामा के पड़ोस में रहने वाली एक युवती से दुर्गेश का प्रेम प्रसंग हो गया।
दुर्गेश अक्सर अपने मित्र मनीष रावत के साथ प्रेमिका से मिलने आता था। इसी बीच युवती का झुकाव दुर्गेश के मित्र मनीष की ओर होने लगा। धीरे-धीरे दोनों में नजदीकियां बढ़ गईं और विवाह का मन बना लिया, क्योंकि दोनों सजातीय भी हैं।
इसके बाद दोनों को दुर्गेश यादव कबाब में हड्डी लगने लगा और उसे रास्ते से हटाने की साजिश रच डाली। बताया जाता है कि नौ अगस्त को मनीष दुर्गेश को लेकर यहां आया और प्रेमिका संग साजिश रचकर दुर्गेश की बसारा के जंगल में हत्या कर दी थी।
गुडंबा में हुआ हत्या का मुकदमा
मृतक के पिता ने बताया कि मनीष ने नौ अगस्त को फोन कर दुर्गेश को बुलाया था, जिसके बाद से वह लापता था। काफी तलाश के बाद भी जब उसका पता नहीं चला तो 11 अगस्त को गुडंबा थाना में तहरीर देकर गुमशुदगी दर्ज करा दी थी।
जांच के दौरान गुडंबा पुलिस आशंका के आधार पर मनीष को हिरासत में लेकर बुधवार को देवा के माती व फतेहपुर के बसारा लाई, लेकिन वह गुमराह करता रहा। इस दौरान दुर्गेश के परिवारजन भी मौजूद रहे।
एसएचओ गुडंबा नितीश श्रीवास्तव ने बताया कि गुरुवार को दुर्गेश के परिवारजन स्वयं बसारा के जंगल में तलाश करने पहुंचे तो शव की जगह नर कंकाल बरामद हुआ। बाराबंकी में पोस्टमार्टम कराया जा रहा है। गुडंबा में दर्ज गुमशुदगी को अब अपहरण व हत्या की धारा बढ़ाकर मुकदमा दर्ज किया जा रहा है।
मौसी के यहां रखा बंधक
मृतक के परिवारजन ने बताया कि नौ अगस्त को साथ लाने के बाद मनीष ने कुर्सी में रहने वाली अपनी मौसी के घर पर दुर्गेश को बंधक बनाकर रखा। इसके बाद 11 अगस्त को उसे जंगल में लेकर हत्या कर दी।