अब घास उगाने पर मिलेगा 20 हजार रुपये का अनुदान, यूपी के इस जिले में शुरू हुई 'नेपियर घास' की खेती
Barabanki News | बाराबंकी में सुपर नेपियर घास की खेती शुरू हो गई है जो पशुओं के लिए पौष्टिक चारा प्रदान करेगी। कम लागत और अधिक उत्पादन के कारण यह घास गो आश्रय केंद्रों के पशुओं के स्वास्थ्य को सुधारेगी। सरकार इस घास की खेती के लिए 20 हजार रुपये का अनुदान देगी जिससे वर्षभर हरे चारे की उपलब्धता सुनिश्चित होगी।

जागरण संवाददाता, बाराबंकी। गन्ने की तरह दिखने वाली सुपर नेपियर घास अब अपने जिले में भी उगाई जाने लगी है। पोषक तत्वों से भरपूर नेपियर घास से गो आश्रय केंद्र के पशुओं की बिगड़ रही सेहत को सुधारा जाएगा। कम लागत और चिलचिलाती धूप में भी यह घास हरी रहती है। एक बार नेपियर घास की रोपाई के बाद यह अगले छह से सात वर्ष तक पशु चारे का उत्पादन देती है। अब नेपियर घास उगाने पर 20 हजार का अनुदान मिलेगा।
जिले में करीब 122 गो आश्रय केंद्र हैं। यहां के लगभग 150 हेक्टेयर यानि 1500 बीघा में हरा चारा उगाया जा रहा है। इसमें ज्यादातर चरी होती है, जो सीजन पर खत्म हो जाती है। अब वर्षभर पशुओं को हरा चारा मिलता रहे, इसके लिए नेपियर घास की खेती होगी।
आठ हेक्टेयर में यह घास उगाई जा रही है। लगभग 20 हेक्टेयर में और नेपियर घास लगाए जाने की योजना है। इस घास को खाने से पशुओं में दूध बढ़ता है। साथ ही पशुओं की सेहत भी ठीक रखेगी। घास स्विट्जरलैंड और डेनमार्क में उगाई जाती रही है। यह घास 40 दिन में तैयार हो जाती है।
क्या है घास
नेपियर घास की लंबाई 10 से 15 फीट होती है। पौधे से 40-50 तक कल्ले निकलते हैं। इसे हाथी घास के नाम से भी जाना जाता है। संकर नेपियर घास अधिक पौष्टिक एवं उत्पादक होती है, जिसे पशुपालक चारा मशीन में काटकर खिलाते हैं। विदेश से बीज मंगवाकर बिहार, पंजाब व यूपी के झांसी के अनुसंधान केंद्र पर विकसित किया गया। जिले में बीज झांसी से मंगाया जाएगा।
प्रोटीन और फाइबर अधिक
मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डा. अतुल अवस्थी ने बताया कि घास की विशेषता है कि यह कटने के 15 दिनों के अंदर उतनी ही बड़ी हो जाती है। इसका चारा पौष्टिकता से भरपूर होता है। सामान्य हरे चारे के मुकाबले 18-20 प्रतिशत तक प्रोटीन और 35 प्रतिशत क्रूड फाइबर मौजूद होता है। नेपियर घास का उत्पादन प्रति एकड़ लगभग 300 से 400 क्विंटल होता है।
अब सरकार देगी अनुदान
हरा चारा की उपलब्धता के लिए सरकार पशुपालकों को नेपियर घास उगाने के लिए अनुदान देगी। जिले में चार हेक्टेयर में घास उगाने के लिए लक्ष्य आ गया है, जिस पर अनुदान है। प्रति दो बीघे पर 20 हजार रुपये का अनुदान मिलेगा।
फैक्ट फाइल
- गो आश्रय की संख्या : 122
- संरक्षित गोवंश : 32,300
- वृहद गो संरक्षण केंद्र : छह
- कान्हा उपवन : दो
- चरागाह की संख्या : 150
- जमीन की उपलब्धता : 1500 बीघा
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