Silent Heart Attack : अखिल के कपड़े को गले से लगाए गुमसुम बैठी मां, पालतू कुत्ते ने छोड़ा खाना-पानी
Student of Class 7th Died from Silent Heart Attack घेरी के लोहनिया के जीतेंद्र प्रताप सिंह के घर में विवाह के सात वर्ष बाद जब रक्षाबंधन के दिन अखिल का जन्म हुआ तो परिवार में खुशियां लौट आई थीं। रक्षाबंधन पर किसी पूर्वज के निधन से घर में त्योहार नहीं होता था। इसके बाद से घर में सारे त्योहार मनाए जाते थे।
प्रताप जायसवाल, जागरण, बाराबंकी : देवा में स्कूल के गेट पर साइलेंट हार्टअटैक से मृत कक्षा सात के छात्र अखिल प्रताप की मां पुत्र बिछोह मानने को तैयार नहीं हैं। उन्होंने तीन दिन से बेटे की टीशर्ट इस तरह से चिपका रखी है, जैसे अखिल को गोद में भरकर बैठी हों। मां की आंसू की धारा उनकी आंखों से लगातार बह रही है। बस दिनभर खो चुके इकलौते बेटे के नाम की रट लगाए रहती हैं। मां को इस हाल में देख पड़ोस के लोग भी द्रवित हैं। परिवार के लोग तो शोक में डूबे ही हैं। उधर बच्चे के साथ खेलने वाले पालतू कुत्ते ने भी खाना-पीना छोड़ दिया है।
घेरी के लोहनिया के जीतेंद्र प्रताप सिंह के घर में विवाह के सात वर्ष बाद जब रक्षाबंधन के दिन अखिल का जन्म हुआ तो परिवार में खुशियां लौट आई थीं। रक्षाबंधन पर किसी पूर्वज के निधन से घर में त्योहार नहीं होता था। इसके बाद से घर में सारे त्योहार मनाए जाते थे। उच्च शिक्षित मां ममता ने बेटे को अच्छी शिक्षा दिलाने के लिए गांव से निकलकर खुद एक इंटर कालेज में पढ़ाना शुरू किया। ममता अपने बच्चे की पढ़ाई का भी ध्यान रखती थीं।
एक जुलाई को बेटे अखिल की साइलेंट अटैक से मौत ने मां-बाप सहित दादी और बाबा को पूरी तरह तोड़कर रख दिया है। बाबा रमेश प्रताप सिंह भावुक होकर कहते हैं कि काफी मनौती के बाद अखिल का जन्म हुआ था। वह बचपन से ही मेधावी था। टेस्ट और परीक्षा में हमेशा अव्वल रहता था। स्कूल से आने के बाद कुछ समय अपने कुत्ते के साथ खेलता था। इसके बाद अपना काम आदि करता था।
मां ममता उसका होमवर्क कराती थीं। एक जुलाई को भी अखिल खुशी खुशी घर से निकला था, लेकिन नीयति को कुछ और ही मंजूर था। बेटे की मौत ने पिता के साथ ही मां ममता को पूरी तरह झकझोर दिया है। हालत यह है कि मां ममता अखिल के कपड़े और अन्य सामान अपने गले से लगाकर बच्चे को आवाज दिया करती हैं। उन्होंने बताया कि बेटा जीतेंद्र आज बहू को दिखाने लखनऊ ले गए हैं।
चचेरे भाई हर्षित ने बताया कि अखिल बहुत शांत स्वभाव का था। उसके साथ खेलने के लिए रोज विशुनपुर से आते थे। अखिल को याद कर उसकी आंखों मे भी आंसू आ जाते हैं। चार दिन बीत जाने के बाद भी घर पर लोगों का आना जारी है। हर कोई अखिल की असामयिक और अस्वाभाविक मौत से दुखी दिखा।
मौत ने छेड़ी बच्चों के स्वास्थ्य पर बहस
अखिल की साइलेंट अटैक से मौत ने बच्चों के स्वास्थ्य को लेकर एक नई बहस छेड़ दी है। अभिभावक इस घटना से हतप्रभ हैं। इंटरनेट मीडिया पर भी इसको लेकर बहस छिड़ गई है। सभी इस घटना को बच्चों के स्वास्थ्य के प्रति एक गंभीर चेतावनी मान रहे हैं।
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