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    ..श्रीराम कुटीर यानी स्वस्थ शरीर

    By JagranEdited By:
    Updated: Mon, 04 Feb 2019 12:06 AM (IST)

    यहां शिक्षा, चिकित्सा, तकनीकी और व्यापार क्षेत्र के विशिष्टजन बीते कई दशकों से सेवादार की भूमिका निभाने आते हैं। वे अपनी पहचान तक साझा नहीं करते। हैदराबाद के जड़ी-बूटी व्यापारी रौनक गट्टानी कहते हैं कि करीब 25 वर्षों से शिविर में आ रहे हैं। यहां आकर अपार शांति और संतोष मिलता है। चाय का वितरण कर रहे भिवानी के कारोबारी सज्जन अग्रवाल ने बोले यहां पर हम तो केवल सेवादार हैं। गुड़गांव के महेंद्र ¨सह शिविर का हिस्सा बनकर खुश हूं। तो दिल्ली के निखिल खुराना शिविर की सफलता के लिए हर काम करने को तैयार हैं।

    ..श्रीराम कुटीर यानी स्वस्थ शरीर

    जगदीप शुक्ल, बाराबंकी

    जिला मुख्यालय से करीब छह किलोमीटर की दूरी पर रेठ नदी के किनारे हड़ियाकोल में स्थित है श्रीराम वन कुटीर। आश्रम में की तरह शिविर में सब कुछ सामान्य यानी व्यवस्थित। नदी की कल-कल धारा के समान करीब चार दशक से शिविर भी प्रवाहमान है। मरीजों और सेवादारों की बढ़ती संख्या और उनके उत्साह को देखकर लगता है कि जैसे वे किसी महातीर्थ पर आए हों। मरीजों के चेहरे पर बिखरी मुस्कराहट और नि¨श्चतता के भाव शिविर बेहतर सेवाओं का आभास कराती है। विभिन्न पंथ और समुदायों के मरीज और सेवादार समरसता की मिसाल पेश कर रहे हैं। अलग-अलग क्षेत्र, भाषा और संस्कृति होने के बावजूद सबका कथन एक ही है-श्रीराम कुटीर यानी स्वस्थ शरीर।

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    यहां तो हम केवल सेवादार

    यहां शिक्षा, चिकित्सा, तकनीकी और व्यापार क्षेत्र के विशिष्टजन बीते कई दशकों से सेवादार की भूमिका निभाने आते हैं। वे अपनी पहचान तक साझा नहीं करते। हैदराबाद के जड़ी-बूटी व्यापारी रौनक गट्टानी कहते हैं कि करीब 25 वर्षों से शिविर में आ रहे हैं। यहां आकर अपार शांति और संतोष मिलता है। चाय का वितरण कर रहे भिवानी के कारोबारी सज्जन अग्रवाल बोले यहां पर हम तो केवल सेवादार हैं। गुड़गांव के महेंद्र ¨सह शिविर हिस्सा बनकर खुश हैं तो दिल्ली के निखिल खुराना शिविर की सफलता के लिए हर काम करने को तैयार हैं।

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    शिविर से हुआ जंगल में मंगल

    रोहतक के डॉ. रमेश हुड्डा बीते 30 वर्षों से शिविर में सेवाएं दे रहे हैं। उनका कहना है कि पहले नदी के किनारे यहां सिर्फ जंगल था। रास्ता भी ठीक नहीं था। कई बार कुटीर तक पहुंचने के लिए तांगे में धक्का भी लगाया, लेकिन यहां कुछ खास है जिससे संतोष मिलता है और बार-बार आने का मन करता है। -----------------------

    यह हैं सुविधाएं

    -मरीजों के लिए पांच विशेष वार्ड।

    -मरीज-तीमारदारों के ठहरने और भोजन-नाश्ते की निश्शुल्क व्यवस्था।

    -महिला-पुरुष के लिए अलग-अलग शौचालय, पेयजल और कंबल का इंतजाम।

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    फैक्ट फाइल

    शिविर-25 जनवरी से सात फरवरी तक

    नेत्र ऑपरेशन शिविर-तीन फरवरी तक

    रजिस्ट्रेशन- पांच हजार

    -अब तक हुए 2200

    सर्जरी शिविर-चार से सात फरवरी तक

    रजिस्ट्रेशन-एक हजार सबके रोग हर रहे बजरंगबजी

    श्रीराम वन कुटीर में रोग हरण हनुमान जी का प्राचीन मंदिर है। मान्यता है कि हनुमान जी की कृपा यहां आने वाले मरीजों पर होती है। इसीलिए आंख के आपरेशन के बाद किसी पंथ या समुदाय का रोगी हो बजरंगी बली के जयकारे के साथ हनुमान जी मूर्ति के सामने ही पट्टी खोली जाती है। इस परिसर एक विद्यालय भी संचालित है।