Barabanki Bus Accident: किसी ने सीट छोड़ी तो कोई बस से ही उतर गया... इस तरह बच गई इन लोगों की जान
बाराबंकी में एक सड़क दुर्घटना में कुछ यात्रियों की जान सीट बदलने से बच गई। अमेठी के रफीकुन निशा अपने बच्चों के साथ मजार जा रही थीं तभी सीट बदलने से उनकी जान बच गई हालांकि उनकी माँ की मौत हो गई। लखनऊ की संतोष कुमारी को जगह कम होने के कारण बस से उतरना पड़ा जिससे उनकी जान बची। एक अन्य यात्री शहाबुद्दीन उमरा से लौट रहे थे।

जागरण संवाददाता, बाराबंकी। हादसे से पहले आगे की सीट पर बैठे यात्रियों में हुए बदलाव से उनकी जानें बच गईं। हादसों का जिक्र करते हुए कुरबान अली रो पड़े, कहा कि उनकी मां की इस हादसे में मौत हुई है। वहीं, आगे की सीट न मिलने पर महिला बस से उतर गई, जिससे उसकी जान बच गई।
अमेठी के इन्हौना निवासी रफीकुन निशा और उनका 30 वर्षीय पुत्र कुरबान अली और पुत्री सुहान बानो देवा में हाजी वारिस शाह की मजार पर दर्शन के लिए गए थे। वहां से शुक्रवार सुबह लौट रहे थे। रफीकुन निशा और उसका पुत्र-पुत्री आगे वाली महिला सीट पर बैठे थे।
इस दौरान शिक्षा मल्होत्रा आ गई और कुरबान अली महिला सीट से अपनी मां के पास से उठकर पीछे वाली सीट पर चला गया, उसके साथ बहन सुहाना भी थी। उसी दौरान लखनऊ की संतोष कुमारी भी आगे की सीट से उतर कर नाका सतरिख पर बस से नीचे आ गई, क्योंकि जगह कम थी, यात्री 60 हो गए थे।
जब हादसा हुआ तो संतोष कुमारी, सुहाना और कुरबान अली की जान बच गई। कोठी के रहने वाले शहाबुद्दीन मदीना गए थे, वहां से उमरा कर लौटकर घर जा रहे थे। हादसे के बाद अफरा-तफरी मचा और सारा सामान खो गया। यह भी आगे की सीट से हटकर पीछे वाली सीट पर बैठने चले गए थे, इसलिए इनकी जान बच गई।
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