रैंकिग सुधरी, पर कागजों तक सीमित ओडीएफ का दावा
जिले में स्वच्छता सर्वेक्षण की गतिविधियां कागजों तक सिमट कर रह गई है। वर्ष 2019 में नगर पालिका परिषद नवाबगंज की 299 वीं रैंक आई थी। इसके बाद एकदम से रैंक गिरकर वर्ष 2020 में 727 वीं रैंक पहुंच गई थी।

बाराबंकी : जिले में स्वच्छता सर्वेक्षण की गतिविधियां कागजों तक सिमट कर रह गई है। वर्ष 2019 में नगर पालिका परिषद नवाबगंज की 299 वीं रैंक आई थी। इसके बाद एकदम से रैंक गिरकर वर्ष 2020 में 727 वीं रैंक पहुंच गई थी। मगर इस बार 2021 में स्वच्छ सर्वेक्षण में छलांग लगाकर फिर से 378 वीं रैंक पहुंच गई। मगर ओडीएफ के दावे हमेशा कागजी साबित हुए हैं।
नगर पालिका को खुले में शौचमुक्त बनाने का नगर पालिका परिषद नवाबगंज का दावा पूर्ण रूप से खोखला ही हमेशा साबित हुआ है। शहर को साफ सुथरा रखने के लिए बनवाए गए सामुदायिक व सार्वजनिक शौचालयों का लाभ आमजन को नही मिल पा रहा है। कई शौचालय की पानी की टंकी चिटकी हुई है तो कहीं पर सफाई का अभाव है। गंदगी की वजह से लोग इन शौचालयों का प्रयोग नहीं करते है। कुछ गिने चुने शौचालय ही बेहतर हैं। इसलिए लोग बाहर शौच जाने को विवश हैं। ऐसे में शहर को ओडीएफ बनाने का सपना पूरा होता नहीं दिख रहा है। आबादी के हिसाब से अभी भी शौचालय शहर में नहीं बने हैं, जबकि नगर पालिका क्षेत्र में 29 वार्ड आते हैं। शहर में आठ सार्वजनिक व नौ सामुदायिक शौचालय : शहर में आठ सार्वजनिक शौचालय के अलावा नौ सामुदायिक शौचालय संचालित हैं। सतरिख नाका, जमुरिया पुल के निकट, बंकी ब्लाक के निकट, बस स्टेशन के निकट, माल गोदाम रोड के निकट, कलेक्ट्रेट के निकट सहित कुल 17 शौचालय बेहतर ढंग से संचालित होने का दावा नगर पालिका कर रही है। मगर हकीकत में इनमें से अधिकांश शौचालय इतने गंदे हैं कि शायद ही कोई इनका प्रयोग करें। इनसेट हमारा शहर स्वच्छ रहे इसके लिए लगातार प्रयास किए जा रहे है। जिन शौचालय में कुछ कमी है उन्हें हर हाल में सही कराया जाएगा। प्रयास यही है कि शौचालय साफ सुथरे रहें। पवन कुमार, अधिशासी अधिकारी, नगर पालिका परिषद नवाबगंज, बाराबंकी।
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