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    Barabanki News: पीएम मोदी की डाक्यूमेंट्री ‘कर्मयोग : एक अंतहीन यात्रा’ से फिर अंतरराष्ट्रीय फलक पर पहुंची बाराबंकी की पूजा

    Updated: Sun, 21 Sep 2025 04:00 PM (IST)

    Pooja Pal Of Barabanki Got International Fame Again डाक्यूमेंट्री ‘कर्मयोग एक अंतहीन यात्रा’ में धूल रहित थ्रेशर का मॉडल बनाने वाली बाराबंकी की बाल विज्ञानी पूजा पाल और उनके संघर्ष को प्रमुखता से स्थान दिया गया है। 27 मिनट की डाक्यूमेंट्री में उनके साथ ही बाराबंकी के सुमंगल त्रिवेदी को भी शोहरत मिली है।

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    पीएम की डाक्यूमेंट्री ‘कर्मयोग : एक अंतहीन यात्रा’ में दिया गया पूजा का उदाहरण

    जागरण संवाददाता, बाराबंकी : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के 75वें जन्मदिन पर लॉन्च की गई डाक्यूमेंट्री ‘कर्मयोग : एक अंतहीन यात्रा’ में धूल रहित थ्रेशर का मॉडल बनाने वाली बाराबंकी की बाल विज्ञानी पूजा पाल और उनके संघर्ष को प्रमुखता से स्थान दिया गया है।

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    27 मिनट की डाक्यूमेंट्री में उनके साथ ही बाराबंकी के सुमंगल त्रिवेदी को भी शोहरत मिली है। इस डॉक्युमेंट्री में पीएम मोदी ने शिक्षा, कौशल और समर्पण की शक्ति पर जोर देते हुए बेटियों को राष्ट्र की दिशा तय करने वाला बताया। उन्होंने बाराबंकी की बेटी पूजा पाल की उपलब्धि का उदाहरण भी प्रस्तुत किया, जिसने अपने संघर्ष और मेहनत से सबको प्रेरित किया।

    डॉक्युमेंट्री में प्रधानमंत्री मोदी कहते हैं कि एक बेटी का सामर्थ्य केवल उसके परिवार तक सीमित नहीं होता, बल्कि पूरे समाज और राष्ट्र की दिशा तय करता है। इसके बाद पूजा पाल की कहानी दिखाई जाती है, जिसमें उन्होंने गांव की समस्या से प्रेरणा लेकर धूल रहित थ्रेशर का समाधान खोजा और अपनी मेहनत व नवाचार से सबको प्रेरित किया।

    बाराबंकी की बाल विज्ञानी पूजा पाल के साथ ही दूरदर्शन में कार्यरत सुमंगल त्रिवेदी अब बेहद चर्चा में है। दूरदर्शन ओरिजनल की ओर से प्रस्तुत डाक्यूमेंट्री की रिसर्च और कांसेप्ट जिले के ही युवा सुमंगल दीप त्रिवेदी ने तैयार किया है। वह बताते हैं कि डाक्यूमेंट्री में प्रधानमंत्री के व्यक्तित्व और कृतित्व को पंचतत्व क्षिति, जल, पावक, गगन और समीर से जोड़ा गया है। इन तत्वों के माध्यम से उनके जीवन दर्शन, कर्मयोग और देश की विविध प्रगतियों को प्रतीकात्मक रूप में प्रस्तुत किया गया है।

    छात्रा पूजा पाल

    वायु तत्व के अंतर्गत प्रतिभाशाली छात्रा पूजा पाल को शामिल किया गया। वह सिरौलीगौसपुर तहसील के डलई पुरवा के रहने वाले मजदूर पुत्तीलाल की पुत्री है। उन्होंने किसानों को गेहूं की मड़ाई के दौरान थ्रेसर से निकलने वाली धूल से निजात दिलाने के बारे में सोचा। परिषदीय स्कूल में कक्षा आठ की छात्रा पूजा ने अपने विज्ञान शिक्षक राजीव कुमार श्रीवास्तव की मदद से धूल रहित थ्रेसर का मॉडल बनाया। यह मॉडल इंस्पायर अवार्ड के लिए पहले जिला स्तर पर चयनित हुआ, फिर प्रदेश व राष्ट्रीय स्तर पर चयनित किया गया।

    भारत सरकार ने पूजा को जून में जापान भेजकर अपना मॉडल प्रस्तुत कर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिभा का प्रदर्शन करने का अवसर दिया। प्रधानमंत्री की प्रलेखी में पूजा कहती हैं कि स्कूल जाते वक्त गेहूं मड़ाई से निकलने वाली धूल को देखकर उसके मन में जिज्ञासा जागी। वह कहती है कि पीएम मोदी का देशवासियों व देश के लिए समर्पण अच्छा लगता है। अपने कुटुंब में लगे मोदी के चित्र की तरफ इशारा करते हुए वह बताती हैं कि प्रधानमंत्री का कहना है कि कई बार असफल होने पर भी हार नहीं माननी चाहिए। इसी अटल सिद्धांत को अपनाया। मॉडल बनाते वक्त कई बार फेल हुई, निराशा के भाव को पीएम के शब्दों से ताकत लेकर हार नहीं मानी और सफलता सबके सामने हैं।

    पीएम के वॉयस ओवर में तैयार हुई डॉक्यूमेंट्री

    इस डॉक्यूमेंट्रीकी कांसेप्ट व रिसर्च तैयार करने वाले सुमंगलदीप त्रिवेदी उत्साहित हैं। कर्मभूमि से मातृभूमि की सेवा कर प्रफुल्लित सुमंगल ने बताया कि दूरदर्शन ओरिजनल के डायरेक्टर अमितेश सोनकर, नवल अग्निहोत्री व कपिलराज के साथ तैयार किया गया। 

    सुमंगलदीप त्रिवेदी

    इसको तैयार करने में लगभग डेढ़ माह का समय लगा। जिले में तीन स्थानों पर शूट किया गया। इस रिसर्च की खास बात यह है कि वॉयस ओवर प्रधानमंत्री की है और उनके भाषण अंशों पर आधारित है। इसमें पूजा के घर का भी चित्र दिया गया है।

    दिहाड़ी मजदूर की बेटी बनी अंतरराष्ट्रीय चेहरा

    सिरौलीगौसपुर ब्लॉक के डलई गांव की रहने वाली पूजा पाल, दिहाड़ी मजदूर पुत्तीलाल की बेटी है। पूजा ने गेहूं की मड़ाई के दौरान उड़ने वाली धूल से निजात दिलाने का उपाय खोजा। गांव के सरकारी स्कूल में कक्षा आठ की पढ़ाई के दौरान, शिक्षक राजीव श्रीवास्तव की मदद से पूजा ने धूल रहित थ्रेशर का मॉडल तैयार किया। इस नवाचार से न केवल किसानों की मेहनत आसान होगी, बल्कि स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से भी राहत मिलेगी।