2026 में भी पूरा नहीं हो पाएगा एससी, ओबीसी व महिला का चक्र
पिछड़ा वर्ग महिला और अनुसूचित जाति के लिए जिले की सभी ग्राम पंचायतों में चक्र पूरा नहीं हुअ

पिछड़ा वर्ग, महिला और अनुसूचित जाति के लिए जिले की सभी ग्राम पंचायतों में चक्र पूरा नहीं हुआ है। अभी सिर्फ 50 फीसद ही ग्राम पंचायतों में चक्र पूरा हुआ है, जबकि महिला पद पर 30 फीसद ही चक्र पूरा हो सका है। सभी पदों पर चक्र 3031 में पूरा हो सकता था, पर 2026 में होने वाले परिसीमन से समीकरण फिर से बदल जाएंगे और नए सिरे से आरक्षण तय होगा। जिले की 15 ब्लाकों में 1161 ग्राम पंचायतें हैं। शनिवार को फिर से ग्राम प्रधान का अनंतिम आरक्षण जारी हो चुका है। किसी भी वर्ग का चक्र पूरा नहीं हुआ है। हर दस वर्ष पर परिसीमन होता है और ऐसे ग्राम पंचायतों में जो राजस्व गांव एक हजार से अधिक की आबादी हो जाती है, उसे ग्राम पंचायत का दर्जा दे दिया जाता है। नियम यह है कि जब भी परिसीमन हो, तो नए सिरे से ग्राम पंचायतों का आरक्षण किया जाए। वर्ष 2015 में 1002 ग्राम पंचायतें थी, परिसीमन के बाद 1167 ग्राम पंचायतें बन गईं। तब नए सिरे से आरक्षण लागू हुआ था। 2021 में सभी वर्गों का दोबारा चक्र पूरा हुआ है।
क्या है चक्र : जिला पंचायत राज अधिकारी रणविजय सिंह ने बताया कि जिले में 1161 ग्राम पंचायतें हैं। एससी आबादी का प्रतिशत को अवरोही (घटते क्रम) में रखकर हर पंचवर्षीय में जितनी भी सीटें निर्धारित हों, उनका आरक्षण कर दिया जाता है। फिर अगले पंचवर्षीय में आरक्षित सीटों के नीचे आरक्षण तय होता है। चक्र तब पूरा होगा, जब सभी पंचायतों में एक बार एससी की सीट हो जाएगी। इसी तरह से महिला, ओबीसी की सीटों का चक्र पूरा होता है।
इनसेट : इनका नहीं पूरा हुआ चक्र
2015 से अब तक एससी की 522 पंचायतों में चक्र पूरा हुआ तो 639 में चक्र अधूरा है। ओबीसी में 622 ग्राम पंचायतों में चक्र अपनाया गया, जबकि 539 अभी शेष हैं। महिला की 380 में चक्र पूरा हुआ, जबकि 781 में आरक्षण अभी बाकी है। वहीं, अनारक्षित 798 में चक्र पूरा हुआ है, 363 पंचायतें अभी बाकी हैं।
--- फैक्ट फाइल (आरक्षण 2021)
ग्राम पंचायतें-1161 अनुसूचित जाति महिला सीट-92
अनुसूचित जाति : 169 पिछड़ा वर्ग महिला : 110
पिछड़ा वर्ग : 201 महिला-190
अनारक्षित-399 ----------
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