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    गेहूं क्रय केंद्र बंद होने से परेशान किसानों ने किया विरोध प्रदर्शन

    विपणन शाखा का गेहूं क्रय केंद्र बंद किए जाने का मामला

    By JagranEdited By: Updated: Sat, 22 May 2021 12:03 AM (IST)
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    गेहूं क्रय केंद्र बंद होने से परेशान किसानों ने किया विरोध प्रदर्शन

    बाराबंकी : हैदरगढ़ नवीन मंडी खाद्य एवं रसद विभाग की विपणन शाखा का गेहूं क्रय केंद्र बंद किए जाने से नाराज किसानों ने शुक्रवार को विरोध प्रदर्शन किया।

    इलाके के विभिन्न गांवों के जिन किसानों का गेहूं इस क्रय केंद्र पर तौलने के लिए रखा है उनमें किसान रविद्र, राम किशोर, रामकेस, मंगली, कंधई, लाल बहादुर, सुरेश कुमार सिंह, पप्पू, पंकज, शिव प्रताप, राम फली, विकास व अयोध्या नाथ ने बताया कि अचानक क्रय केंद्र बंद करने से अब वह अपना गेहूं कहा ले जाएं। किसानों का कहना है कि मंडी स्थल पर भारतीय खाद्य निगम (एफसीआइ)का क्रय केंद्र संचालित है लेकिन वहां पहले से ही भीड़ है। हालांकि भारतीय खाद्य निगम के केंद्र प्रभारी रवि जायसवाल ने आश्वासन दिया कि वह अपने यहां टोकेन वाले किसानों का गेहूं तौलने के बाद उनका भी गेहूं तौलने की कोशिश करेंगे।

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    इस संबंध में जिला खाद्य एवं विपणन अधिकारी संतोष कुमार द्विवेदी का कहना है कि जिन स्थानों पर विपणन शाखा के दो-दो क्रय केंद्र थे वहां एक-एक क्रय केंद्र बंद किया गया है। इनमें हैदरगढ़ मंडी, बाराबंकी मंडी, सफदरगंज मंडी भिटरिया, त्रिवेदीगंज व सिद्धौर के जमलापुर का क्रय केंद्र शामिल हैं। इन केंद्रों को अतिरिक्त प्रभार में संचालित किया गया था। संबंधित किसानों का गेहूं संचालित केंद्र पर खरीदा जाएगा।

    काला फीता बांधकर शासनादेश की प्रतियां जलाएंगे कर्मचारी

    बाराबंकी: राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के प्रांतीय पदाधिकारियों की वर्चुअल बैठक शुक्रवार को हुई। बैठक में निर्णय लिया गया कि 25 मई को जिले के सभी चिकित्सालय, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र स्वास्थ्य केंद्रों एवं फील्ड के सभी स्वास्थ्य कर्मी काला फीता बांधकर कार्य करेंगे। अपने-अपने चिकित्सालयों में कोविड-19 प्रोटोकाल का पालन करते हुए शासनादेश की प्रतियां जलाएंगे।

    जिला मंत्री डा. आरपी सिंह विसेन ने बताया कि प्रांतीय नेतृत्व की ओर से महानिदेशक एवं अपर मुख्य सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य, प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा को इस संबंध में पूर्व में ही प्रत्यावेदन दिया जा चुका है लेकिन कर्मचारियों और सरकार के बीच सौहार्द की स्थिति बिगड़ती जा रही है। प्रदेश सरकार से सभी स्वास्थ्य कर्मचारियों को प्रोत्साहन राशि दिए जाने, उनके परिवारी जनों को प्राथमिकता के आधार पर वैक्सीनेशन कराए जाने और कोविड से मृत होने की दशा में उनके आश्रितों को 50 लाख की धनराशि के लिए समय सीमा तय कर तत्काल सहायता उपलब्ध कराए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों से लेकर जिला चिकित्सालय तक जिन्हें नान कोविड चिकित्सालय कहा जाता है, वहां पर मरीज लगातार आ रहे हैं, उनकी जांच कराए जाने पर ज्यादातर मरीज पॉजिटिव आ जाते हैं, वही औषधि काउंटर पर भी फीवर ओपीडी के मरीजों को दवाएं प्रदान प्रदान की जा रही हैं। संविदा स्वास्थ्य कर्मियों की बराबर अनदेखी की जा रही है।